छह साल में ऐसा क्या हुआ कि विश्व प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत 18 पाएदान नीचे गिर गया? क्या इसके लिए मोदी सरकार ज़िम्मेदार है? मीडिया को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारों ने क्या तरीक़े आजमाए हैं? क्या मीडिया ने अपनी आज़ादी खुद खो दी है? भारत पत्रकारों के लिए असुरक्षित देश क्यों माना जा रहा है?