कोरोना ने मौत का अंबार लगा दिया है । श्मशान घाट कम पड गये हैं । चिता के लिये घंटो इंतज़ार करना पड़ रहा है । चिंता स्थल से राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता/पत्रकार विनोद कापडी की ये रिपोर्ट आपको अंदर से दहला देगी ।
पलायन के दर्द की कहानी है विनोद कापड़ी की फिल्म 1232 Kms. दिल्ली से सहरसा का सफर साइकिलों पर। तकलीफ़ की तो जुबान नहीं होती, लेकिन दर्द को पर्दे पर उतारा जा सकता है।