साठ हज़ार वेंटिलेटरों की ख़रीद के टेंडर का न कोई नियम है न कोई क़ायदा। सबकुछ कंपनियों की सहूलियत पर निर्भर। कंपनियों के गुणवत्ता सर्टिफ़िकेट तक जाली हैं। इन्हीं वेंटिलेटरों के सामने कभी आपका जीवन भी दाँव पर लग सकता है! आँख खोलती पड़ताल करते शीतल पी सिंह।