एक के बाद एक क़ानून में लगातार संशोधन क्यों किए जा रहे हैं। आरटीआई, एनआईए, यूएपीए क़ानून में संशोधन से पहले क्या पूरी चर्चा हो रही है? इमर्जेंसी तो नहीं लगी है, लेकिन लोग क्यों कह रहे हैं कि यह उससे कम भी नहीं है। ऐसे ज्वलंत हालात पर देखिए 'रिटायर्ड आईएएस राजू शर्मा से शीतल के सवाल'।
शुक्रवार को लोकसभा में आरटीआई संशोधन बिल 2019 पास होने के बाद से ही इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं। क़रीब 15 साल की जद्दोहद के बाद जो आरटीआई एक्ट जनता को मिला सरकार ने उसकी धार कुंद करने में 15 साल भी नहीं लगाए। सत्य हिंदी न्यूज़।