भारतीय अर्थव्यवस्था 75 साल में कहाँ पहुँची? `किसी भी कीमत पर विकास’ की रणनीति ने देश का क्या हाल किया है? विमुद्रीकरण, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और अचानक तालाबंदी से कैसा असर हुआ?
सरकार ने बजट में एक बार फिर से ये सोचकर सरकारी संपत्तियों को बेचने का दाँव खेला है कि कोरोना की वज़ह से विरोध नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। किसान आंदोलन की तरह विरोध का एक मोर्चा कर्मचारियों की ओर से भी खड़ा हो सकता है। पेश है जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत