जेएनयू हिंसा पर पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में क्यों है? क्यों पुलिस का बयान बार-बार बदल रहा है? पुलिस की एफ़आईआर में है कि लिखित में पुलिस को जेएनयू कैंपस में घुसने के लिए 3:45 बजे ही अनुमति मिल गई थी, फिर वह हिंसा को रोक क्यों नहीं पायी? पुलिस की एफ़आईआर और पुलिस के बयान में अंतर्विरोध क्यों है? क्या पुलिस झूठ बोल रही है? देखिए आशुतोष की बात।