भारत के कई राज्य पार्टी समाज में बदल रहे हैं। पार्टी समाज किसी भी देश के लिए भयानक स्थिति होती है। जाने माने चिंतक और स्तंभकार अपूर्वानंद का यह लेख बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने समझाया है कि पार्टी समाज के मायने क्या हैं और उसका मूल चरित्र क्या है। जरूर पढ़िए और पढ़वाइएः