जम्मू-कश्मीर के भारत के साथ विलय को पक्का करने के लिए वहाँ की मुसलिम-बहुल जनता से राय लेने का जो वादा नेहरू सरकार ने विलय पत्र को स्वीकार करते हुए किया था, उसे वह कभी भी नहीं पूरा कर पाए। सत्य हिंदी
कई लोग मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह ने जब विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए, उसके बाद राज्य में जनमतसंग्रह का मुद्दा उठाने की ज़रूरत ही नहीं थी।
क्या नेहरू सरकार लंबे समय से अब्दुल्ला को रास्ते से हटाना चाहती थी। क्या शेख को हर हाल में जाना था और मुखर्जी की मौत बस एक बहाना था? सत्य हिंदी पर कश्मीर सीरीज़
सत्ताधारी लोगों के भाषणों को सुनकर ऐसा लगा कि कश्मीर की समस्या के लिए केवल जवाहरलाल नेहरू ज़िम्मेदार थे। क्या नेहरू ज़िम्मेदार थे? क्या स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान कोई मायने नहीं रखता?
क्या नेहरू सरकार लंबे समय से अब्दुल्ला को रास्ते से हटाना चाहती थी। क्या शेख को हर हाल में जाना था और मुखर्जी की मौत बस एक बहाना था? सत्य हिंदी पर कश्मीर सीरीज़