सु्प्रीम कोर्ट ने बैंक से लिए गए क़र्ज़ के भुगतान न करने की छूट की मियाद बढ़ा कर सितंबर तक कर दी है। पहले यह अगस्त तक थी। इसका मतलब यह हुआ कि आप चाहें तो सितंबर तक बैंक को किश्त यानी ईएमआई न चुकाएं।
ईएमआई तो टल गईं पर ब्याज का क्या होगा? ब्याज पर ब्याज माफ़ कर देगा सुप्रीम कोर्ट? ऐसा हुआ तो बैंक कहाँ से भरेंगे पैसा? क्या कोर्ट मोरेटोरियम को दो साल तक बढ़ा भी सकता है?