भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कला, स्थापत्य और कला इतिहास को अंतरराष्ट्रीय कला मंच पर स्थापित करने वाली कपिला वात्स्यायन नहीं रहीं। उन्होंने दिल्ली स्थित अपने निवास पर 92 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके भाई और कवि व आलोचक केशव मलिक ने इसकी पुष्टि की है।