जिन सम्मेलनों को सहारे मोदी प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे और योगी आदित्यनाथ अपने लिए रास्ता तलाश रहे हैं, वह रास्ता इतना आसान तो नहीं है। क्योंकि जिस वॉयब्रेंट गुजरात को बेचकर मोदी प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे हैं उसके आंकड़े कुछ और ही गवाही दे रहे हैं।