मूडीज़ ने अनुमान लगाया कि इस साल भारत की विकास दर 2.5 प्रतिशत तक सिमट कर रह जाएगी। आख़िर इसी एजेन्सी ने पहले भारत की विकास दर 5.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था। फिर क्या हो गया? क्या भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना लग गया? क्या कोरोना की चपेट में आ कर अर्थव्यवस्था बिल्कुल चौपट होने की कगार पर है? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।