जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस शाह की तीन सदस्यीय बेंच ने आज सुप्रीम कोर्ट में फ़ैसला दिया कि हिंदू सक्सेशन एक्ट 1956 के वर्ष 2005 में हुए संशोधन में हिंदू लड़कियों को हिंदू युनाइटेड फ़ैमिली में जो लड़कों की तरह संपत्ति पर हक़ में बराबरी दी गई थी वह अब उन सब लड़कियों को प्राप्त होगी जो वर्ष 2005 में इस संशोधन के वक्त जीवित थीं ।भले ही वे इसके पहले पैदा हुई हों । 2005 के संशोधन में यह व्यवस्था उनके लिये थी जो इस संशोधन के लागू होने के बाद पैदा हुई थीं ।