हिंदू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष अवधेशानंद ने लिखा, "समलैंगिक विवाह को वैध बनाना भारत जैसे देश में गंभीर विसंगतियों को पैदा करके। इससे एक राष्ट्र की दिव्य वैदिक मान्यताओं, सांस्कृतिक प्रथाओं और सामाजिक विकास के विभिन्न तरेकों को नष्ट करके मानव अस्तित्व के लिए हानिकारक साबित होगा।