क्यों आज आज़ादी के पहले के काकोरी कांड को याद करने की ज़रूरत है ? क्यों लिखा गया काकोरी के संदर्भ में जासूसी उपन्यास ? क्यों हिंदी में लिखे जा रहे हैं नये तरह के थ्रिलर ? नये लेखक क्या पुराने तौर तरीक़ों को ख़त्म कर नया शिल्प रच रहे हैं ? एक बेहद रोचक चर्चा लेखक, फ़िल्मकार और पत्रकार मनोज राजन त्रिपाठी के साथ ।