मुजफ्फरनगर की महापंचायत कवर करने गए कुछ पत्रकारों को किसानों ने घेर लिया तो एक महिला पत्रकार को हाय हाय के नारे लगाकर लगभग खदेड़ दिया। गलती किसानों की है या पत्रकारों की? ऐसा रहा तो मीडिया काम कैसे करेगा? आंदोलनकारी अपनी आलोचना सुनने से घबराते क्यों हैं?