2 अक्टूबर 2023 को जाति गणना के आंकड़े जारी होने के बाद बिहार में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। करीब 2 वर्ष बाद बिहार में हुई इस सर्वदलीय बैठक में आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग उठी है।
तेजस्वी यादव ने कहा, “जाति आधारित गणना लोगों के हित के लिए है। इस सर्वे की मांग भी जनता की थी। इस सर्वे से फायदा होता। गरीबी दूर करने, पिछड़ेपन को दूर करने और समाज के अंतिम पायदान तक सरकार की योजनाओं का लाभ पंहुचाने में मदद मिलती।
ओडिशा सरकार ने अगस्त 2021 में शहरी निकायों के साथ-साथ पंचायती राज संस्थानों में ओबीसी के लिए 27% आरक्षण की घोषणा की थी। लेकिन बीते साल हुए पंचायत और निकाय चुनावों में इसको लागू नहीं किया गया। इसका कारण ओडिशा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अधिसूचना को यह कहते हुए रद्द कर दिया था
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य 24 फरवरी को इस अभियान की शुरुआत करेंगे। ओबीसी के मौर्य समुदाय से आने वाले नेता स्वामी प्रसाद इस अभियान का जरूरी हिस्सा बताए जा रहे हैं।
बिहार में 7 जनवरी से जाति जनगणना का पहला चरण शुरू हो गया है। लेकिन यह जनगणना कितना जरूरी है, क्या बिहार के लोगों को फायदा होगा। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस पर क्या कहा है, जानिएः