नागरिकता कानून (सीए) की धारा 6 ए के जरिये असम समझौता हुआ था। धारा 6 ए दरअसल, 1 जनवरी, 1966 से पहले असम में प्रवेश करने वाले अप्रवासियों को नागरिकता प्रदान करती है। इसे अदालत में चुनौती दी गई थी। चीफ जस्टिस की बेंच के 4 जजों ने इसे सही ठहराया, जबकि एकमात्र जस्टिस परदीवाला इससे सहमत नहीं थे।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 यानी सीएए पर सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू होने जा रही है। यह वही कानून है, जिसके विरोध में देशव्यापी शाहीनबाग आंदोलन हुआ था। सीएए के विरोध में दो सौ से ज्यादा याचिकाएं कोर्ट के सामने विचाराधीन हैं।