बीबीसी के दफ्तरों में हुई छापेमारी का मसला ब्रिटेन की संसद मे भी उठाया जा चुका है। इनसे स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है। ब्रिटेन की सरकार ने इस मसले पर बीबीसी का साथ दिया था।
डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी के जिम शैनन ने कहा, 'साफ शब्दों में कहा जाए तो यह देश के नेता को लेकर बनी एक डॉक्यूमेंट्री के बाद डराने-धमकाने के उद्देश्य से जानबूझकर किया गया कार्य था।' उन्होंने इसे पत्रकारों और मीडिया को डराने और धमकाने वाली कार्रवाई बताया।