नागरिकता कानून (सीए) की धारा 6 ए के जरिये असम समझौता हुआ था। धारा 6 ए दरअसल, 1 जनवरी, 1966 से पहले असम में प्रवेश करने वाले अप्रवासियों को नागरिकता प्रदान करती है। इसे अदालत में चुनौती दी गई थी। चीफ जस्टिस की बेंच के 4 जजों ने इसे सही ठहराया, जबकि एकमात्र जस्टिस परदीवाला इससे सहमत नहीं थे।