योगी सरकार ने मदरसों की जांच की शुरुआत लखनऊ के नदवां मदरसे से की है। यह सुन्नी मुसलमानों का बहुत बड़ा सेंटर भी है। जहां पर इस विचारधारा की पढ़ाई भी होती है। देश की आजादी की लड़ाई में इस मदरसे का योगदान रहा है। आखिर इस मदरसे की जांच का क्या अर्थ है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दोनों गुट क्यों होने जा रहे हैं एक और क्या है इनका इतिहास। क्या वाकई इस संगठन ने ब्रिटिश राज का विरोध किया था और देश की आजादी की लड़ाई में कोई योगदान दिया था। पढ़ें इस संगठन की दिलचस्प कहानी।
जमीअत उलेमा-ए-हिन्द के प्रमुख अरशद मदनी ने को-एजुकेशन का विरोध करते हुए कहा है कि लड़के- लड़कियों के स्कूल अलग-अलग होने चाहिए ताकि लड़कियों को अनैतिकता व दुर्व्यवहार से बचाया जा सके।