कांग्रेस आलाकमान द्वारा सचिन पायलट के ख़िलाफ़ कार्रवाई किए जाने के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार गिराने के लिए बीजेपी द्वारा किए जा रहे षड्यंत्र में सचिन पायलट शामिल थे। शाम 7.30 बजे गहलोत कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।
गहलोत ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘बीजेपी जो षड्यंत्र कर रही थी, मैंने कई बार आगाह किया कि यह बहुत बड़ा षड्यंत्र है, हॉर्स ट्रेडिंग का षड्यंत्र है और हमारे किसी नेता को इस ट्रैप में नहीं आना चाहिए। यह षड्यंत्र पिछले छह महीने से चल रहा था और हमें इसकी जानकारी थी और जो स्थिति आज हुई है, वो इसीलिए हुई है क्योंकि हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए।’ गहलोत ने कहा कि बीजेपी के मंसूबे पूरे नहीं हुए।
गहलोत ने आगे कहा, ‘हमारे तीन साथी, मैंने उन लोगों की शिकायत हाईकमान से नहीं की। लेकिन इसके बावजूद जो उनका रवैया रहा, पिछले तीन से छह महीने से, आप देखिए...आ बैल मुझे मार, उस रूप में इन्होंने अपने आपको पेश किया, रोज ट्वीट करते हैं, बयान देते रहते हैं।’
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गहलोत ने कहा, ‘पायलट के हाथों में वहां कुछ नहीं है। वहां मैनेजमेंट बीजेपी का है, जो लोग मध्य प्रदेश के मामले में मैनेजमेंट कर रहे थे, वही लोग इस मामले में भी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इसका अनुभव हो गया है।’ गहलोत ने कहा कि कार्रवाई का फ़ैसला कांग्रेस हाईकमान के द्वारा लिया गया है।
इससे पहले गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्रा से मिले और उन्हें सरकार द्वारा सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से हटाने के फ़ैसले की जानकारी दी।
कांग्रेस आलाकमान द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा, ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।’ साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर बायो से कांग्रेस से जुड़ा परिचय भी हटा दिया है। अब उनके ट्विटर बायो में लिखा है कि वह टोंक सीट से विधायक हैं और केंद्र सरकार में आईटी, टेलीकॉम और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री रहे हैं।
कांग्रेस ने पायलट के एक मजबूत समर्थक और विधायक मुकेश भाकर को राजस्थान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। भाकर ने ट्वीट कर कहा था, ‘कांग्रेस में निष्ठा का मतलब है अशोक गहलोत की गुलामी और वो हमें मंजूर नहीं।’ भाकर लाडनूं सीट से विधायक हैं।
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