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राजस्थान सरकार में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों से इस्तीफ़े ले लिए हैं। नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह आज यानी रविवार को हो सकता है। राजस्थान में फ़िलहाल 21 मंत्री हैं, संविधान के प्रावधानों के अनुसार और 9 को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
'एनडीटीवी' के अनुसार, गहलोत के विरोधी खेमे के छह लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है और सचिन पायलट को राज्य के बाहर कांग्रेस संगठन में बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी के कुछ विधायकों को भी सरकार में शामिल कर सकते हैं, क्योंकि इस पार्टी के कांग्रेस में विलय के बाद 200 सदस्यों के विधानसभा में उसके पास बहुमत हो गया था।
पूर्व परिवहन मंत्री प्रताप सिंह कचरियावास ने इसकी जानकारी देते हुए पत्रकारों से कहा, ''सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को इस्तीफ़ा सौंप दिया है। यह एक प्रक्रिया है। रविवार की दोपहर पीसीसी की बैठक है, सब जाएंगे।''
अशोक गहलोत के तीन करीबी मंत्रियों को पहले ही पार्टी में ज़िम्मेदारी दी जा चुकी है। उनका सरकार से हटना तय है।
राजस्व मंत्री और बाड़मेर से विधायक हरीश चौधरी को पंजाब का पार्टी प्रभारी बनाया गया है।
अजमेर के केकड़ी से विधायक रघु शर्मा को गुजरात का पार्टी प्रभारी बनाया गया है।
राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को सचिन पायलट की जगह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 'एक पद एक व्यक्ति' के अनुशासन के अनुरूप मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
बीते दिनों दोनों गुटों के बीच समझौते का एक फ़ॉर्मूला यह निकाला गया था कि सचिन पायलट के तीन-चार विश्वस्तों को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया जाए और कुछ दूसरे विधायकों को अलग-अलग बोर्ड वगैरह सरकारी निकायों में लगा दिया जाए। इससे मुख्यमंत्री भी खुश रहेंगे और असंतुष्टों की शिकायत भी दूर हो जाएगी।
उसके पहले कांग्रेस नेताओं के साथ गहलोत की यह बैठक तीन घंटे तक चली थी। इस दौरान राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल भी मौजूद थे।
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