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फोटो क्रेडिट- @Sardarlivetv

पंजाब: सीएम भगवंत मान के घर के नजदीक किसानों ने डाला डेरा

पंजाब के किसानों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के संगरूर स्थित घर से कुछ ही दूर पर खूंटा गाड़ दिया है। बड़ी संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। यह धरना कुछ उसी तरह का है जिस तरह पंजाब के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर 1 साल तक धरना दिया था। यह धरना आंदोलन में बदल गया था और मोदी सरकार को कृषि कानूनों के मसले पर बैकफुट पर आना पड़ा था। 

भगवंत मान के घर से थोड़ी दूर पर बैठे किसानों ने खाने-पीने रहने के तमाम जरूरी इंतजाम किए हुए हैं। वे अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉली में गैस के सिलेंडर, पीने का पानी, खाना बनाने का सामान, कपड़े और दूसरी जरूरी चीजें लेकर आए हैं। 

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियों को मोडिफाइड करवाया है और इनमें मोबाइल चार्जिंग से लेकर पंखे चलाने जैसी कई सहूलियत हैं। धरने पर बैठे किसानों तक दूध और जरूरत का अन्य सामान पहुंचाने के लिए एक विशेष कमेटी भी बनाई गई है। 

याद दिलाना होगा कि दिल्ली के बॉर्डर पर चले किसान आंदोलन के दौरान भी किसानों ने इसी तर्ज पर ट्रॉलियां तैयार करवाई थी। किसानों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे 6 महीने का राशन पानी लेकर आए हैं। दिल्ली के आंदोलन की तरह ही किसानों ने चाय-पानी, नाश्ता, दोपहर और रात के खाने का पूरा इंतजाम सड़कों पर ही कर दिया है।
किसानों ने संगरूर से लेकर पटियाला-बठिंडा हाईवे तक के 3 किलोमीटर के इलाके में अपना डेरा डाल दिया है। किसानों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता तब तक वे धरने से नहीं हटेंगे। किसानों का यह धरना भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के नेतृत्व में चल रहा है। भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) दिल्ली के बॉर्डर पर चले किसान आंदोलन में भी शामिल था। 
Bhagwant Mann Sangrur residence Farmers protest  - Satya Hindi
फोटो क्रेडिट- @Sardarlivetv

लंबी लड़ाई को तैयार हैं किसान

धरने पर बैठे एक किसान ने द ट्रिब्यून को बताया कि बड़े-बड़े दावे किए जाने के बावजूद पंजाब सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में फेल रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार कहती है कि उसके पास पैसे की कमी है तो वह मीडिया में अपनी सरकार के कामकाज का विज्ञापन देने में करोड़ों रुपए क्यों खर्च कर रही है। उन्होंने द ट्रिब्यून को बताया कि उनकी तरह ही अन्य साथी किसान भी लंबी लड़ाई के लिए यहां आकर बैठ गए हैं। 

सुखमीत सिंह नाम के नौजवान ने अखबार से कहा कि आने वाले दिनों में पंजाब के कोने-कोने से किसान इस धरने में पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इस धरने को फेसबुक पर लाइव भी किया जा रहा है। 

Bhagwant Mann Sangrur residence Farmers protest  - Satya Hindi
फोटो क्रेडिट- @Sardarlivetv

क्या है किसानों की मांग?

धरने पर बैठे किसानों की पंजाब और केंद्र सरकार से अलग-अलग मांग है। पंजाब सरकार से उनकी मांग है कि वह फसलों को हुए नुकसान का आकलन करवाए और नुकसान की मुआवजा राशि उन्हें जल्द से जल्द दे, जीरा इलाके के नजदीक खुली शराब फैक्ट्री को बंद करवाए और लुधियाना और अन्य जिलों में प्रदूषण फैला रहे उद्योगों पर कार्रवाई करे। जबकि केंद्र सरकार से उनकी मांग है कि लखीमपुर खीरी के मामले में जेल में बंद सभी किसानों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए और इस घटना में मारे गए किसानों के परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए और उन्हें 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाए। 

Bhagwant Mann Sangrur residence Farmers protest  - Satya Hindi
किसानों की यह भी मांग है कि लंपी वायरस के कारण मारे गए उनके पशुओं को लेकर भी राज्य सरकार उन्हें मुआवजा दे। किसानों ने कहा है कि जिन किसानों के खिलाफ पराली को जलाए जाने को लेकर मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन मुकदमों को रद्द किया जाए। किसानों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी इस धरने में शामिल हैं। किसानों को धरने को देखते हुए धरना स्थल पर पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में तैनात हैं। 
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बताना होगा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान संगरूर संसदीय क्षेत्र से साल 2014 और 2019 में लोकसभा का चुनाव जीते थे। लेकिन मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और यहां हुए उप चुनाव में आम आदमी पार्टी को हार मिली थी। 

देखना होगा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान किसानों की मांगों को लेकर कब कार्रवाई करेंगे?

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क़मर वहीद नक़वी
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