सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के मामले में संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिये !
सीबीआई मामले में नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी फ़जीहत ख़ुद करवाई है। राहुल गांधी खुश है, आख़िर बिल्ली के भाग्य े छींका जो टूटा है।

क़ानूनी तौर पर यह वर्मा के पक्ष की बात है । क्योंकि ९० % से ज्यादा मामलों में सुप्रीम कोर्ट / हईकोर्ट्स पहली सुनवाई पर ही पिटीशन डिसमिस कर देते हैं ।
पर जो लोग कुछ ज्यादा की उम्मीद कर रहे थे उन्हे निराशा हुई और सरकार की ओर से जेटली साहेब ने इस निराशा पर ही निशाना लिया ।
अब क्या क्या होगा ?
सीवीसी वर्मा के खिलाफ अस्थाना की शिकायत की जाँच करेगी पर उसे सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर्ड जज मानीटर करेंगे । यह काम उसे दो हफ़्ते में निबटाना भी है । यानि यदि मोदी सरकार अस्थाना के पक्ष में जाँच रिपोर्कोट में कोई फ़ेवर सीवीसी से लेना चाहे तो उसे मुश्किल होगी ।