सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मसले की सुनवाई फ़िलहाल जनवरी तक के लिए टाल दी है। यानी अयोध्या में राम मन्दिर विवाद पर कोई निर्णय अब 2019 चुनाव के पहले नहीं आएगा। तो क्या ये कह सकते हैं कि देश फ़िलहाल राहत की साँस ले सकता है क्योंकि अब अयोध्या मसले पर कोई राजनीति नहीं होगी?
मुझे नहीं लगताकि हम लोग इतने नासमझ हैं कि हम आश्वस्त हो कर बैठ जाएँ? अब कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं होगी? कहीं भड़काऊ भाषणबाज़ी नहीं होगी? सब बेसब्री के बावजूद सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करेंगे और नाराज़गी के बाद भी सब्र से काम लेंगे? कहीं दंगे नहीं होंगे? आदि आदि।
अयोध्या पर कोर्ट में सुनवाई टली मगर राजनीति नहीं रुकेगी
- विश्लेषण
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- 29 Oct, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने राम मन्दिर-बाबरी मसज़िद विवाद पर जनवरी तक के लिए सुनवाई टाल दी है पर क्या इसपर राजनीति भी फ़िलहाल टल जाएगी? टोह ले रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष।

बाबरी विध्वंस के समय यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा और यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष अदालत का फ़ैसला मानें। बीच में रह-रह कर आवाज़ें उठती रहीं कि राम मंदिर निर्माण में देरी हो रही है। पर किसी ने इसको एक सीमा के बाद तूल नहीं दिया। पिछले छह महीने से इस मसले को नये सिरे से गरमाने की कोशिश की जा रही है। यह भी कहा गया कि अदालत इस बार फ़ास्ट ट्रैक कर जल्द-से-जल्द फ़ैसला सुनाए। बीच में यह लगने भी लगा था कि शायद लोकसभा चुनाव के पहले फ़ैसला आ जाए। आज के कोर्ट के बाद अब ऐसा होता दीखता नहीं है।