बॉलीवुड में नशे का जाल तलाश रहा मीडिया खुद ऐसे जाल में फंसता जा रहा है, जिसके बल पर कुछ चैनल अपने आपको नंबर वन होने और सबसे ज्यादा देखे जाने का दावा करते हैं। मार्केट में अव्वल बनकर अपना वर्चस्व कायम करना और उसके बल पर मुनाफ़ा बढ़ाना टीआरपी का एक लक्ष्य होता है। और इसी के बल पर राजनीति और दूसरे हलकों में अपनी पैठ बनाकर चैनल्स लाभ भी उठाते हैं। इसलिए टीआरपी को लेकर होड़ सी मची रहती है और न्यूज़ चैनल टीआरपी की इस जंग में अपना सब कुछ झोंक देते हैं।

बॉलीवुड में नशे का जाल तलाश रहा मीडिया खुद ऐसे जाल में फंसता जा रहा है, जिसके बल पर कुछ चैनल अपने आपको नंबर वन होने और सबसे ज्यादा देखे जाने का दावा करते हैं।
न्यूज़ चैनल टीआरपी के लिए हर हथकंडा आज़माने को तैयार हो जाते हैं और इसका सबसे पहला प्रभाव पड़ता है न्यूज़ कंटेंट पर। लेकिन मुंबई पुलिस ने टीआरपी रेटिंग का एक ऐसा पिटारा खोल दिया है जिसमें कई दिग्गज न्यूज़ चैनल्स के चेहरों का मेकअप उतरने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।