पासा पलटा
भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर पर स्थित 15 हज़ार फीट से अधिक उंचाई वाली चोटियों काला टाप, मगर टाप, गुरुंग हिल और हेलमेट टाप पर 29-30 अगस्त की रात कब्जा कर लिया, जिससे चीनी सेना इसलिये तिलमिला गई है। उसे लगता है कि चीन के कब्जे वाले इलाके पर भारतीय सेना इस तरह निगरानी रख सकती है कि किसी संघर्ष की स्थिति में उस पर एकतरफा हमला कर उसे सिर उठाने का मौका नहीं देगी। इस इलाके में भारतीय सेना ने अपनी तोपों और मशीनगनों को तैनात कर दिया है और दूर तक चीनी सैन्य ठिकानों को ध्वस्त करने की स्थिति में आ गई है।
यही वजह है कि चीनी सेना ने ही चुशुल इलाके में भारतीय सेना के ब्रिगेड कमांडर के साथ बातचीत का संदेश भेजा। चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के उल्लंघन का आरोप लगाया। अब तक यह आरोप भारत लगाता रहा था और चीन का जवाब होता था कि उसके सैनिक अपने इलाके में ही हैं। इस तरह भारत ने खेल का पासा पलट दिया है।
राजनीतिक बातचीत
मास्को में दोनों रक्षा मंत्रियों की दो घंटे 20 मिनट तक लम्बी गहन बातचीत के बाद दोनों देशों के जारी बयान अपने अपने घोषित राष्ट्रीय संकल्पों के अनुरुप ही हैं, लेकिन इस बातचीत के बाद दोनों ओर से संचार सम्पर्क खुला रखने का इरादा जाहिर कर बातचीत और शांतिपूर्ण हल की खिड़की खुली रखी गई है। भारत और चीन के बीच अब तक राजनीतिक स्तर पर आमने सामने की यह पहली सीधी बातचीत थी।
रक्षा मंत्रियों की बातचीत के नतीजे चिंताजनक तो हैं, लेकिन आगामी दस सितम्बर को मास्को में ही दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात का दरवाजा खुला रख कर यह संकेत दिया गया है कि बातचीत से मसला सुलझ सकता है।
युद्ध की ओर खिसकती स्थितियाँ?
इन उच्चस्तरीय राजनीतिक बातचीत के पहले भारतीय सेना ने यह संकेत दिया है कि युद्ध के लिये उकसाए जाने पर वह जवाबी हमले के लिये पूरी तरह तैयार है। थलसेना प्रमुख जनरल मनोज नरवाणे ने गत गुरुवार को ही लद्दाख के सीमांत इलाकों का दौरा कर युद्ध की तैयारी की गहन समीक्षा की है और अपने जवानों का मनोबल बढ़ाया है।वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने इसी दिन पूर्वी वायुसैनिक कमांड के वायुसैनिक अड्डों का दौरा किया, जहाँ भारतीय वायुसेना के अत्यधिक संहारक सुखोई-30 एमकेआई , जगुआर, मिग-29 आदि लड़ाकू विमान पूरी तरह तैयार हैं।
चीफ़ आफ़ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भी कहा है कि भारतीय सेना दोनों मोर्चों पर एक साथ युद्ध लड़ने के लिये तैयार है। माना जा रहा है कि जब चीन के साथ युद्ध छिड़ जाएगा तो पाकिस्तान इस स्थिति का फायदा उठाने से नहीं चूकेगा। भारत के लिये यह स्थिति काफी भयावह, चुनौतीपूर्ण और मुश्किलों भरी होगी लेकिन इस सम्भावित हालात से निबटने के लिये भारतीय सेना अपनी रणनीति तैयार कर चुकी है और इसके अनुरूप अपने सैन्य संसाधन को आत्मरक्षा और आक्रमण के लिये तैयार कर दिया है।
चीनी की तैयारी
चीन की ओर से भी उसके नवीनतम स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के जे-20 लडाकू विमान को शिनजियांग और तिब्बत के वायुसैनिक अड्डों पर तैनात कर दिया गया है और भारतीय सेना को धमकाने के लिये अक्सर उनकी उड़ाने भारतीय सीमांत इलाकों में होने लगी है। चीनी टैंक, तोपें और भारी युद्धक वाहन भी अपनी मांसपेशियाँ दिखा रहे हैं।
दोनों देशों की सेनाओं द्वारा इस तरह की तैयारी करने के बाद दोनों देशों के शीर्ष राजनेताओं ने भी जिस तरह से कड़े बयान दिये हैं उससे लग रहा है कि आने वाले दिनों में सीमांत इलाकों में तनाव और भड़क सकता है। लेकिन दोनों देशों की यह भी कोशिश है कि किसी भी तरह युद्ध भड़कने से रोका जाए।
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