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श्रद्धा मर्डर केस: जानिए, रिश्ते बनने से हत्या तक की पूरी कहानी

आफ़ताब और श्रद्धा वालकर के बीच रिश्ते बेहद घनिष्ठ थे। घर छोड़कर लिव-इन में रह रहे थे। आम जोड़ों की तरह दोनों के बीच झगड़े भी होते थे, बहस होती थी। और ऐसे ही झगड़ों व बहस के ग़ुस्से में हत्या तक हो गई। जैसा कि आम तौर पर झगड़ों में कई ऐसी वारदतें हुई हैं, आफताब ने ग़ुस्से में गला घोंट कर मार डाला। अब तक यह एक आम हत्या की तरह ही वारदात थी। लेकिन इसके बाद जो हुआ वह आम वारदात नहीं थी। इसके बाद जो हुआ वह वहशीपन था। पूरे देश को झकझोरने वाली हैवानियत थी। यह सब इसलिए था कि हत्या की वारदात को छुपाया जा सके!

28 वर्षीय आफताब अमीन पूनावाला ने अपने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा को न सिर्फ़ कथित तौर पर मार डाला बल्कि उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया। रिपोर्ट है कि वह कभी शेफ के रूप में प्रशिक्षित था और मांस काटने में माहिर था। आफताब ने ग़ुस्से में उसके शरीर पर मांस काटने वाले एक चाकू का इस्तेमाल किया, ताकि वह वारदात में पकड़े जाने से बच सके। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आफताब ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उसने श्रद्धा के शव को टुकड़ों में काट दिया।  बदबू नहीं आए इसलिए फ्रीज़ में स्टोर करने की तरकीब निकाली। 

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आफताब ने 300 लीटर वाला एक नया फ्रिज खरीदा था। पकड़ा न जाए इसलिए एक-एक टुकड़े को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। वह हर रात 2 बजे बाहर टुकड़े लेकर बाहर निकलता था। सबूत नष्ट करने की उम्मीद में उसने उन टुकड़ों को आवारा जानवरों को भी खिलाया। ऐसा क़रीब 18 दिन तक चलता रहा। घर में बदबू नहीं आए इसके लिए वह ढेर सारे अगरबत्ती जलाता था। पुलिस ने बताया कि वह अमेरिकी वेब सीरीज 'डेक्सटर' देखकर हत्या की प्लानिंग की थी।

एक बार तो इस तरकीब से उसने हत्या की वारदात को छुपा भी लिया था, तभी तो हत्या के छह महीने तक यह राज ही रहा! आपने बिल्कुल सही पढ़ा। यह हत्या कोई हफ़्ते-दो हफ़्ते पहले नहीं, बल्कि छह महीने पहले हुई थी। जिस तरह की झकझोरने वाली यह वारदात है, उसी तरह का यह पूरा मामला अब सामने आ रहा है। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार साल 2018-2019 में आफताब और श्रद्धा का रिश्ता शुरू हुआ था। लेकिन उनके परिवारों द्वारा विरोध करने के बाद वे दोनों पालघर से मुंबई शिफ्ट हो गए थे और साथ रहने लगे थे। बाद में वे दिल्ली में चले गए। इस साल महरौली के छतरपुर पहाड़ी इलाक़े में 15 मई को एक रूम का फ्लैट किराए पर लिया। यहीं पर 18 मई को वह हत्या हुई। श्रद्धा के पिता को भी यह बात पता नहीं थी कि उनकी बेटी दिल्ली में शिफ़्ट कर गई है।
दरअसल, श्रद्धा की बात से उसके पिता सहमत नहीं थे और इसीलिए वह घर छोड़कर आफताब के साथ चली गई थी। श्रद्धा के पिता कहते हैं कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि उनकी बेटी ने प्यार में जिद के चलते उनकी बात नहीं मानी, अगर मान ली होती तो आज वह जिंदा होती।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, श्रद्धा के पिता विकास मदन वालकर ने कहा, 'श्रद्धा और आफताब के रिलेशनशिप के बारे में परिवार को 18 महीने बाद पता चला। श्रद्धा ने अपनी मां से 2019 में कहा था कि वो आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। इसका मैंने और मेरी पत्नी ने विरोध किया था।'

रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आगे कहा, 'तब श्रद्धा नाराज हो गई और उसने कहा कि मैं 25 साल की हो गई हूँ। मुझे अपने फ़ैसले लेने का पूरा हक़ है। मुझे आफताब के साथ लिव इन में रहना है।' उन्होंने कहा कि उन्हें उसके दोस्तों से ही उनकी बेटी की जानकारी मिल पाती थी। उनके पिता ने कहा, 'श्रद्धा के इस फ़ैसले से उसकी मां को गहरा सदमा लगा। वो अक्सर बीमार रहने लगीं। 2021 में उनकी मौत हो गई। माँ की मौत के बाद श्रद्धा ने मुझसे एक-दो बार बातचीत की थी।'

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श्रद्धा के पिता ने कहा है कि तब उसने बताया था कि आफताब के साथ उसके रिश्ते में कड़वाहट आ गई है और आफताब उसके साथ मारपीट करता है।

बता दें कि श्रद्धा के दोस्तों ने भी कहा है कि उनके बीच रिश्ते ख़राब हुए थे। श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण नादर ने श्रद्धा के परिवार वालों से संपर्क किया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार श्रद्धा और आफताब के बीच कई बार झगड़े होते थे और बहस होती थी। नादर ने कहा, 'एक बार उसने मुझसे वाट्सऐप पर संपर्क किया और उसे अपने आवास से बचाने के लिए कहा। उसने कहा कि अगर वह उस रात उसके (आफताब) साथ रही तो वह उसे मार डालता।'

रिपोर्ट के अनुसार नादर ने आगे कहा कि उसने कुछ अन्य दोस्तों के साथ, छतरपुर में श्रद्धा को उसके आवास से बचाया और यहाँ तक कि आफताब को चेतावनी दी कि वे पुलिस से संपर्क करेंगे। उन्होंने कहा, 'आफताब के प्रति श्रद्धा की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए हम पुलिस के पास नहीं गए।'

श्रद्धा के दोस्त नादर ने कहा कि दो महीने तक श्रद्धा से संपर्क नहीं होने पर उन्हें उसकी चिंता होने लगी और तब उन्होंने परिवार से संपर्क किया।

इंडिया टुडे से बातचीत में नादर ने कहा, 'उसने मेरे किसी भी संदेश का जवाब नहीं दिया। आखिरकार, इससे मुझे चिंता होने लगी। मैंने श्रद्धा के बारे में एक दूसरे को जानने वाले दोस्तों और अन्य लोगों से पूछना शुरू कर दिया। उसके ठिकाने का पता नहीं लगने के बाद मैंने आखिरकार उसके भाई को बताया कि कुछ महीनों से उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है और हमें पुलिस से मदद लेनी चाहिए।'

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इस बात का पता चलने पर श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने मुंबई पुलिस से संपर्क किया। पुलिस के मुताबिक़, कुछ महीने पहले दोनों के रिश्तों में खटास आ गई थी। पुलिस का कहना है कि जब उसने आरोपी को शादी करने के लिए कहा तो आफताब नाराज़ हो गया था।

जाँच के दौरान दिल्ली पुलिस आखिरकार आफताब तक पहुंच गई, उससे पूछताछ की और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया। आखिरकार उसने उस अपराध को कबूल भी कर लिया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आफताब ने पुलिस को बताया है कि श्रद्धा उस पर शादी करने के लिए दबाव बना रही थी और इसे लेकर उन दोनों के बीच लगातार लड़ाई झगड़े हो रहे थे।

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आफताब ने पुलिस को बताया कि 18 मई को भी उन दोनों के बीच बहस हुई। उस दिन आफताब ने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद आफताब ने धारदार हथियार से श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर दिए। 

हत्या को छुपाने की कोशिश में 18 मई को श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने उसके इंस्टाग्राम अकाउंट को लॉगइन किया और उसके दोस्तों को मैसेज भेजे जिससे उन्हें यह लगे कि श्रद्धा अभी भी जिंदा है। आफताब ने श्रद्धा के क्रेडिट कार्ड का बिल भी चुका दिया जिससे कंपनियाँ श्रद्धा के मुंबई वाले पते पर कांटैक्ट न कर सकें। लेकिन हत्या की वह वारदात छुप नहीं सकी।

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क़मर वहीद नक़वी
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