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पीएम मोदी ने कहा, ईसाई समुदाय के साथ मेरा बहुत पुराना और आत्मीय नाता रहा है 

पीएम मोदी ने सोमवार को ईसाई समुदाय के लोगों को क्रिसमस की शुभकामना देते हुए कहा कि मैरी क्रिसमस। पीएम आवास में क्रिसमस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने ईसाई समुदाय के साथ अपने लंबे जुड़ाव के बारे में भी बताया है। 
क्रिसमस पर हुए इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय के साथ मेरा संबंध नया नहीं है। बहुत पुराना और आत्मीय नाता रहा है। गुजरात का सीएम रहने के दौरान ईसाई समुदाय और उसके नेताओं के साथ अक्सर मिलना-जुलना होता था। 
कुछ ही वर्ष पहले मुझे द होली पोप से मिलने का भी सौभाग्य मिला था। वह मेरी लिए वह एक यादगार पल था। उस मुलाकात में हमने इस धरती को बेहतर जगह बनाने के लिए सामाजिक सौहार्द, वैश्विक भाईचारे, जलवायु परिवर्तन और समावेशी विकास जैसे कई विषयों पर लंबे समय तक चर्चा की थी। 
पीएम ने कहा कि क्रिसमस के अवसर पर विश्व के लोगों और ईसाई समुदाय के लोगों को मेरी शुभकामनाएं हैं। मेरे लिए यह बहुत सुखद है कि इतने विशेष और पवित्र अवसर पर आप सभी मेरे निवास पर आएं। 
जब इंडियन माइनोरिटी फाउंडेशन ने यह प्रस्ताव रखा कि हम सब मिलकर क्रिसमस मनाएं को मैंने उनसे कहा कि क्यों न मेरे यहां मनाया जाए। इसके बाद ही यह कार्यक्रम बन गया। इस पहल के लिए मैं माइनोरिटी फाउंडेशन का आभारी हूं। 
उन्होंने कहा कि क्रिसमस वह दिन है जब हम जीजस क्राईस्ट के जन्मदिन को सेलिब्रेट करते हैं। यह उनके जीवन संदेश और मूल्यों को याद करने का भी अवसर है। जीजस ने करुणा और सेवा के मूल्यों को जीया है। 
उन्होंने ऐसा समाज बनाने के लिए काम किया जिसमें सब के लिए न्याय हो और जो समाज समावेशी हो। हमारे देश की विकास यात्रा में यही मूल्य एक मार्गदर्शक की तरह हमें रास्ता दिखा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विकास का फायदा हर किसी तक पहुंचे और कोई इससे अछूता ना रहे। ईसाई समुदाय के लोगों तक, विशेषकर गरीबों और वंचितों तक भी आज देश में हो रहे विकास का लाभ पहुंच रहा है। 

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ईसाई समुदाय ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

पीएम मोदी ने कहा कि क्रिसमस के इस अवसर पर मैं देश के ईसाई समुदाय के लिए एक बात जरूर कहूंगा। देश के लिए आपके योगदान को भारत गर्व से स्वीकार करता है। ईसाई समुदाय ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 
स्वतंत्रता आंदोलन में ईसाई समुदाय के कई विचारक भी शामिल थे जिनमें एक थे स्टीफंस कॉलेज सुशील कुमार रुद्र। उनके बारे में स्वयं महात्मा गांधी ने बताया था कि असहयोग आंदोलन की प्रेरणा उन्हीं की छत्रछाया में मिली थी।
ईसाई समुदाय ने समाज को दिशा देने में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समाज सेवा में यह समुदाय बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है। गरीब और वंचितों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज भी पूरे भारत में ईसाई समुदाय के संस्थान बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। 
पीएम नरेंद्र मोदी ने मत्स्य पालन मंत्रालय बनाए जाने के अपने कदम को याद करते हुए बताया कि ईसाई समुदाय ने इसकी सार्वजनिक रूप से सराहना की थी और उनका सम्मान भी किया था। उन्होंने कहा कि दोस्तों 2047 तक विकसित भारत बनाने का जो लक्ष्य है उसके लिए हम अपनी विकास यात्रा को तेज गति से आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। 

इस विकास यात्रा में हमारे सबसे महत्वपूर्ण साथी अगर कोई हैं तो वह हमारे युवा हैं। निरंतर विकास के लिए बहुत आवश्यक है कि हमारे युवा शारीरिक और मानसिक और भावनात्मक तौर पर फीट और हेल्दी रहें। इस उद्देश्य से चलाए जा रहे कई अभियान जन आंदोलन बन चुके हैं। 
उन्होंने कहा कि मैं ईसाई समुदाय के नेताओं से आग्रह करूंगा कि इन विषयों के प्रति और जागरुक बनाए। इस अवसर पर हम यह विचार करें कि कैसे हम आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर धरती का उपहार दे सकते हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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