क्या बिहार विधान सभा चुनाव में जातीय समीकरण ही सब कुछ तय करेगा? यह एक बड़ा सवाल है। बीजेपी और नीतीश इसके लिए तैयार हैं। तेजस्वी को अपना क़ूबत दिखाना है। यह भी तय होना है कि मतदाता जब डर से ख़ामोश रहता है तो रिज़ल्ट क्या होता है।
सीमा और भूभाग के मसले पर 29 सितम्बर को चीन ने अचानक अपना रुख कड़ा करने के एक दिन बाद अपने तेवर नरम किये हैं। उसने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की 10 सितम्बर को मास्को में हुई बैठक के बाद बनी पांच- सूत्री सहमति को लागू करने पर ज़ोर दिया है।
बाबरी मसजिद मामले में सीबीआई ने जो वीडियो आदि सबूत दिखाए, वे जज को विश्वसनीय नहीं लगे। क्या दुनिया में जितने भी अपराध होते हैं, उनका फ़ैसला वीडियो के आधार पर होता है?
बॉलीवुड में इन दिनों एक तरफ सुशांत सिंह राजपूत केस और ड्रग्स केस में रिया चक्रवर्ती और अन्य कई बड़ी फ़िल्मी हस्तियों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, तो दूसरी तरफ यौन उत्पीड़न के आरोप में फ़िल्म निर्माता अनुराग कश्यप की भी मुश्किलें कम होती नज़र नहीं आ रही।
शिवसेना के बाद सबसे लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के साथ रहने वाले अकाली दल ने अलग रास्ता तो चुन ही लिया है, उसने सत्तारूढ़ दल के ख़िलाफ़ एक बड़े और नए राजनीतिक गठबंधन बनाने का संकेत देकर राजनीति में दिलचस्प मोड़ ला दिया है।
दीन दयाल उपाध्याय की मौत की सीबीआई जाँच को लेकर न्यायालय ने उँगलियाँ उठाईं। जस्टिस चंद्रचूड़ आयोग ने भी मौत को रहस्यमय बताया। जनसंघ के प्रमुख रहे बलराज मधोक ने भी कई संदेह जताए। तो अभी भी इस पर क्यों बना हुआ है रहस्य?
पूर्वी लद्दाख के सीमांत इलाक़ों में बीते 5 मई से चल रही सैन्य तनातनी दूर करने के लिये सोमवार को दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक प्रतिनिधियों की हुई छठी बैठक के बाद जारी साझा बयान उम्मीदें पैदा करता है।
समाचार मीडिया बेरोज़गारी, ग़रीबी और इसके जैसे जनहित के मुद्दों पर रिपोर्टिंग न कर अपना अधिकांश समय व्यर्थ और ग़ैरज़रूरी मनोरंजक समाचारों पर नष्ट कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना लॉकडाउन का असर जानने के लिए जेएनयू और लखनऊ के संस्थान के प्रोफ़ेसरों ने 3 ज़िलों में सर्वे किया। सर्वे के अनुसार, लोगों की आमदनी 5 गुनी कम हो गई।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के इलाके में 15 हजार फीट ऊँची चोटियों पर भारतीय सेना द्वारा अपने सैनिकों को बैठा देना चीन के लिये दूसरी बड़ी शमिंदगी का कारण बना।
पांच सदस्यों वाली इस कमेटी में उन 23 नेताओं में से एक को भी जगह नहीं दी गई है जिन्होंने पार्टी नेतृत्व में बदलाव और कार्यशैला में सुधार की मांग करते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।
JEE की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच और NEET की परीक्षा 13 सितंबर को निर्धारित है। क्या लाखों छात्रों की ज़िन्दगी को कोरोना काल में दाँव पर लगा दिया जाए? क्या कोरोना की वजह से देश के लाखों छात्रों का एक साल बर्बाद कर दिया जाए?
आंकड़े देखने पर यह विपक्ष की ओर से प्रचारित मामला ज्यादा लगता है कि गैर हिंदीभाषी, गैर भाषणबाज, गैर नेहरू परिवार का नेतृत्व होने से कांग्रेस बिखर जाएगी।