मराठी में एक कहावत है कि दो कदम आगे और एक कदम पीछे। असल में ये लड़ाई की एक कहावत है जहां सेना इतनी बड़ी हो जाती है कि वो इसी शैली में बहुत धीमे ही काम करती है। महाराष्ट्र में प्रचंड बहुमत से जीती देवेंद्र फडणवीस सरकार के सौ दिन पूरे हो गये हैं लेकिन सरकार भी इसी रफ्तार में बस कागजों पर काम कर रही है।
फडणवीस सरकार के सौ दिन- ‘अपनों’ से ही निपटने में गुज़र गए?
- विश्लेषण
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- 19 Mar, 2025

महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के 100 दिन पूरे, लेकिन क्या ये शासन पर नहीं बल्कि अंदरूनी कलह सुलझाने में ही बीत गए? जानें आख़िर फडणवीस क्या कर रहे हैं।
ये पहली बार महाराष्ट्र में हुआ जहां पर तीन दलों की महायुति सरकार को सबसे ज़्यादा बहुमत मिला। अकेले भाजपा ही महाराष्ट्र में अब तक की अपनी सबसे ज़्यादा सीटें 135 जीतने में कामयाब रही। उसके बाद वैसे तो उसे सरकार बनाने के लिए निर्दलीय ही काफी थे लेकिन फिर भी दिल्ली की मजबूरी के चलते एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस को साथ में लेना पड़ा। फिर भी सरकार के पास दो तिहाई से भी ज़्यादा बहुमत है और सरकार चाहे तो पहले ही दिन से कमाल कर सकती थी। लेकिन सरकार बनने के बाद से ही दिन अच्छे नहीं चल रहे। पहले तो सरकार बनने और मंत्रिमंडल गठन में ही बहुत से दिन निकल गये फिर अब तक तीनों दलों में समन्वय ही नहीं दिख रहा है।