कहते हैं तीन पहियों की गाड़ी चाहे वो ऑटो रिक्शा हो या सरकार उसका बैलेंस कभी भी बिगड़ सकता है। महाराष्ट्र में हर रोज यही हो रहा है। तीन दलों यानी बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट की मिलीजुली सरकार में एक साल हो गया है लेकिन अब तक पूरा मंत्रिमंडल ही नहीं बन पाया है और आगे बनने की कोई उम्मीद भी नहीं दिखती है। तीन दलों की ये सरकार लगातार अपने ही बोझ तले दबती जा रही है इसलिए हर रोज ख़बर उड़ती है कि ये सरकार कभी भी गिर सकती है।
महाराष्ट्र में क्यों तीनों सरकारी दलों की नींद उड़ी हुई है?
- विश्लेषण
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- 25 Aug, 2023

क्या महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार वाले खेमों के गठबंधन में सबकुछ सही नहीं चल रहा है? आख़िर मंत्रिमंडल क्यों नहीं अब तक बन पाया?
2019 के चुनाव के बाद बीजेपी ने अचानक अजित पवार के साथ सुबह पांच बजे ही सरकार बना ली तो वो तीन दिन भी नहीं चल पायी। उसके बाद शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी की सरकार उद्धव ठाकरे की लीडरशिप में बनी। कुछ दिन बाद ही कोरोना शुरू हो गया तो किसी तरह सरकार 2022 तक खिंच गयी लेकिन जून 2022 में सरकार में कई मतभेद सामने आते गये और आख़िरकार बीजेपी ने शिवसेना को तोड़कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार बना ली। आठ महीने तो ये सरकार ठीक चली और जब ये लगने लगा कि सरकार कुछ स्थिर हो रही है तो बीजेपी ने अचानक अजित पवार को भी एनसीपी से तोड़कर सरकार में शामिल कर लिया। बस उसके बाद से सरकार में तीन तिगाड़ा और काम बिगाड़ा शुरू हो गया।