वास्तव में वे औरंगजेब की नहीं लोकतंत्र की कब्र खोद रहे हैं। कब्र दो प्रकार से खोदी जाती है। एक तो गड़े मुर्दे उखाड़ने के लिए तो दूसरी तरह की खुदाई किसी को दफनाने या सुपुर्देखाक करने के लिए होती है। यहां इरादा लोकतंत्र को सुपुर्देखाक करने के लिए है। उन्हें इस बात का अहसास हो चुका है कि आजकल लोकतंत्र पूरी दुनिया में संकट में है। इसलिए इसे अगर भारत जैसे विशाल देश में, जहां पर कम से कम दुनिया की आबादी का पांचवां हिस्सा रहता है, वहां दफना दिया गया तो यह उनकी बहुत बड़ी जीत होगी।