वास्तव में वे औरंगजेब की नहीं लोकतंत्र की कब्र खोद रहे हैं। कब्र दो प्रकार से खोदी जाती है। एक तो गड़े मुर्दे उखाड़ने के लिए तो दूसरी तरह की खुदाई किसी को दफनाने या सुपुर्देखाक करने के लिए होती है। यहां इरादा लोकतंत्र को सुपुर्देखाक करने के लिए है। उन्हें इस बात का अहसास हो चुका है कि आजकल लोकतंत्र पूरी दुनिया में संकट में है। इसलिए इसे अगर भारत जैसे विशाल देश में, जहां पर कम से कम दुनिया की आबादी का पांचवां हिस्सा रहता है, वहां दफना दिया गया तो यह उनकी बहुत बड़ी जीत होगी।
वे औरंगजेब नहीं लोकतंत्र की कब्र खोद रहे
- विश्लेषण
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- 22 Mar, 2025

औरंगजेब पर बहस जारी है। आरएसएस-बीजेपी से जुड़े बाकी नेता दुगनी ताकत से औरंगजेब की कब्र खोदने में जुटे हैं। लेकिन दरअसल यह भारतीय लोकतंत्र की कब्र खोदी जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी बता रहे हैं कि कैसे यह भारत के लिए घातक है।
लेखक महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार हैं।