भूख से होने वाली मौत का इलाज डॉक्टर या अस्पताल के पास नहीं है लेकिन बिहार में यही करने की कोशिश हो रही है। बिहार के मुजफ़्फ़रपुर जिले में चमकी बुखार जिसे इंसेफ़ेलाइटिस के ग़लत नाम से भी पुकारा जा रहा है, 154 बच्चों की मौत इसका एक शर्मनाक उदाहरण है। मरने वाले सारे बच्चे झोपड़ी में रहने वाले अत्यंत ग़रीब परिवारों से थे, उन्हें भरपेट खाना नहीं मिल रहा था। सरकारी भाषा में इसे मल न्यूट्रीशन या कुपोषण कहा जाता है।

केंद्र में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद जिस तरह देश की स्वास्थ्य नीति बदली जा रही है, वह आने वाले दिनों में ग़रीब को लाइलाज बना सकती है। 2014 तक जीडीपी का क़रीब 1.9% स्वास्थ्य सेवा पर ख़र्च हो रहा था। 2018-19 में यह कम होकर क़रीब 1.2% हो गया। मनमोहन सिंह की सरकार ने स्वास्थ्य सेवा पर जीडीपी का 6% ख़र्च करने का वादा किया था। मोदी सरकार में यह लगातार कम होता जा रहा है। अब सरकार का जोर बीमा और प्राइवेट सेक्टर पर ज़्यादा है।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक