भारत में समान नागरिक संहिता की पैरवी आज़ादी के समय से की जा रही है, लेकिन अब तक समान नागरिक संहिता को लागू नहीं किया जा सका। अगर तमाम राज्य सरकारें और केंद्र सरकार इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ती हैं तो क्या वह इससे पहले मुसलिमों का भरोसा जीत पाएगी?