देश में लोकतंत्र की नींव रखने वाले और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के सबसे बड़े पैरोकार भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तसवीर शाहीन बाग़ से ग़ायब है।
अगर अयोध्या की विवादित ज़मीन पर मसजिद को दुबारा बनाया जाना संभव ही नहीं है तो फिर बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाख़िल करके आख़िर हासिल क्या करना चाहता है?
क्या रफ़ाल सौदे को फिर से राहुल गाँधी मुद्दा बनाएँगे? क्या कांग्रेस संसद के शीतकालीन सत्र में इसे उठाने की तैयारी कर रही है? ऐसा नहीं है तो राहुल ने इस मुद्दे को फिर क्यों उठाया है?
मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बीजेपी से अपना 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने वाली शिवसेना जिनके भरोसे सरकार बनाने का सपना देख रही थी, उन्होंने ही उसका सपना चकनाचूर कर दिया है।
शिवसेना को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की कितनी चाहत है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके लिए उसने बीजेपी के साथ तीन दशक पुरानी अपनी दोस्ती को तोड़ दिया।
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुना दिया है। 2.77 एकड़ विवादित ज़मीन रामलला विराजमान को राम मंदिर बनाने के लिए दे दी गई है। मुसलिम पक्ष अब क्या चाहता है?
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर तेज़ी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस नेतृत्व ने फ़िलहाल 'देखो और इंतज़ार करो' की नीति पर चलने का फ़ैसला किया है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महमूद मदनी गुट ने केंद्र की मोदी सरकार को देश भर में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण लागू करने की चुनौती दी है। महमूद मदनी ने कहा है पता तो चले कि देश भर में कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं।
आख़िर क्यों कांग्रेस पार्टी गाँधी परिवार से बाहर निकलने की नहीं सोच पाती है? ऐसा क्या है कि वह उसी परिवार के इर्द गिर्द घूमती रहती है? यह परिवार इस पार्टी की ख़ूबी है या बोझ?
अध्यक्ष पद पर किसे चुना जाए, इस पर कांग्रेस पार्टी में उलझन बरक़रार है। बार-बार राहुल का नाम क्यों लिया गया? किसी नाम पर सहमति नहीं बनने पर सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष क्यों चुना गया?
कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर अभी सस्पेंस कुछ दिन और बना रह सकता है। हालाँकि शुक्रवार शाम तय माना जा रहा था कि शनिवार सुबह नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। लेकिन देर रात तक चली बैठक के बाद हालात बदल गए हैं।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी अब सारा ज़ोर कश्मीरियों का दिल जीतने में लगा रहे हैं। उन्होंने कई आश्वासन दिए और वादे किए, लेकिन क्या वह उनका दिल जीत पाएँगे?
गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव पेश कर दिया। पर सवाल यह है कि क्या सरकार इसके बाद की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है?
कांग्रेस में पिछले 2 महीने से अध्यक्ष पद को लेकर बनी असमंजस की स्थिति स्वतंत्रता दिवस से पहले ख़त्म हो सकती है। यानी 15 अगस्त से पहले कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल सकता है।
तीन तलाक़ क़ानून को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। मुसलिम संगठन ख़ासकर ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड इसकी तैयारी कर रहा है। तो किस आधार पर चुनौती देंगे ये संगठन?