क्या कप्तान विराट कोहली ने एक बार फिर चार तेज़ गेंदबाज़ों को लेने की ग़लती की है या वे इंग्लैड सीरीज़ 2021 के बचे हुए तीन मैचों में अश्विन को शामिल कर ग़लती सुधारेंगे?
यूरो फाइनल में मेज़बान इंग्लैंड की हार के बाद जैसे कुछ फुटबॉलप्रेमी बौखलाए। कई दशकों से इंग्लिश फुटबॉल प्रेमी की छवि उपद्रवी और दंगाई के तौर पर बनी हुई है। क्या भारत में आने वाले ऐसे जातिवाद के ख़िलाफ़ कोहली और बुमराह बोलेंगे?
अगर कोहली न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप ट्रॉफी नहीं जीत पाते हैं और उसके बाद इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 5 मैचों की सीरीज़ में जीत हासिल नहीं करते हैं तो उनकी कप्तानी को लेकर कड़े सवाल उठेंगे। और उठने भी चाहिए।
यूं तो रविवार को आईपीएल में मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम सनराइजर्स हैदराबाद का है लेकिन दबाव न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रैंडन मैक्कलम पर भी कम नहीं है।
अगर दिल्ली की टीम ऋषभ पंत की अगुवाई में पहली बार ट्रॉफी जीतती है तो ‘विराट-कप्तानी’ युग के अंत की शुरुआत पंत के प्रभुत्व का असली अध्याय भी आईपीएल 2021 से हो सकता है।
2013 में अचानक रोहित को मुंबई की कप्तानी मिली और तब से लेकर अब तक उन्होंने दनादन 5 ट्रॉफी अपनी टीम को जीत कर दी है। आलम यह है कि आईपीएल के इतिहास में उनके पास जीत की हैट्रिक पूरा करने का मौका भी इस साल है।
तेज़ गेंदबाज़ों की यह तिकड़ी इत्तेफाक़ से भारत के तीन अलग-अलग राज्यों से आती है, लेकिन इनके संघर्ष और अब तक की कामयाबी की कहानी क़रीब क़रीब एक जैसी ही है। इन तीनों तेज़ गेंदबाज़ों की निजी कहानी किसी भी फ़िल्मी या नाटकीय पटकथा से कम नहीं है।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ विराट कोहली ने टेस्ट सीरीज़ 3-1 से जीत ली और यह उम्दा उपलब्धि है क्योंकि शुरुआती टेस्ट मैच वह हार गये थे। इसके साथ ही कोहली अब तक भारत में एक भी टेस्ट सीरीज़ नहीं हारने के रिकॉर्ड को भी बरकरार रखने में कामयाब हुए हैं।
6 मार्च 1971 यानी आज से ठीक 50 साल पहले वेस्टइंडीज़ के दौरे पर गावस्कर ने टीम इंडिया के लिए पहला टेस्ट खेला। अगर 'पूत के पाँव पालने में नज़र आते हैं' वाली कहावत को टेस्ट इतिहास में सिर्फ एक बल्लेबाज़ ने अपनी पहली सीरीज़ के धमाल से सच साबित किया तो वो गावस्कर ही थे।
इशांत शर्मा के लिए अहमदाबाद में होने वाला तीसरा टेस्ट मैच निजी तौर पर काफ़ी यादगार पल है। अश्विन ने भी शानदार पारियाँ खेली हैं। लेकिन क्या इन दोनों खिलाड़ियों को वो सम्मान मिला जिसके वो हकदार हैं?
भारत के सबसे कामयाब टेस्ट कप्तान विराट कोहली को घरेलू सीरीज़ के पहले मैच में हारने की आदत तो और भी नहीं है क्योंकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट से पहले वो सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पुणे टेस्ट (2017) में सीरीज़ का पहला टेस्ट हारे थे।
शुक्रवार यानी आज से चेन्नई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टीम इंडिया का घरेलू ज़मीं पर टेस्ट अभियान शुरू हो रहा है। लाल गेंद से 4 मैच और 20 दिन की क्रिकेट में टीम इंडिया के पास पाने के लिए बहुत कुछ नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया में ड्रॉ ने भारतीय क्रिकेट को विदेशी ज़मीं पर लड़ना सिखाया। और कौन जानता है कि ब्रिसबेन में वह हो जाए जो आज तक किसी भारतीय टीम ने हासिल नहीं किया है। टेस्ट मैच में जीत।
भारतीय क्रिकेट इस साल को याद कैसे करेगा? टेस्ट क्रिकेट में सबसे न्यूनतम स्कोर 36 रन पर आउट होने के लिए या फिर मेलबर्न में साल के आख़िर में यादगार पलटवार के लिए?
रविचंद्रन अश्विन भले ही ऑफ़ स्पिनर हैं लेकिन कई मायनों में उनकी सही तुलना एक गेंदबाज़ और स्पिनर के तौर पर लेग स्पिनर अनिल कुंबले से ही हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में उनका प्रदर्शन क्या कहता है?
विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी करियर में यह पहला मौक़ा रहा जब उन्होंने टॉस जीता, लेकिन मैच हार गए। 26 मैचों के कप्तानी करियर में 21 मैच में जीत और 4 में ड्रॉ का बेहद गर्व करने वाला रिकॉर्ड एडिलेड की दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से चकनाचूर होकर बिखर गया।
वीकेटकीपर और बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया। 17 साल की उम्र में सबसे युवा विकेटकीपर के तौर पर टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले पार्थिव पटेल का कैसा रहा खेल?
गौतम गंभीर ने साफ़-साफ़ कहा है कि अगर रोहित को सफेद गेंद की कप्तानी भारत के लिए नहीं मिलती है तो नुक़सान मुंबई के बल्लेबाज़ का नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट का है। उनके इस दावे में कितनी सचाई है?
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे कामयाब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इत्तेफाक से आईपीएल में सबसे कामयाब कप्तान नहीं हैं क्योंकि रोहित शर्मा ने आईपीएल ट्रॉफ़ी उनसे ज़्यादा जीती है।