14 अगस्त की वह ऐतिहासिक रात जब ब्रिटिश साम्राज्य का झंडा यूनियन जैक भारत में आख़िरी बार उतारा गया और जवाहर लाल नेहरू ने 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' का भाषण दिया।
राजनेता से बड़ा खिलाड़ी कौन? देखिये विजय त्रिवेदी की ख़ास बातचीत सहारा और एनडीटीवी के पूर्व मुख्य संपादक और वरिष्ठ पत्रकार अरूप घोष के साथ द विजय त्रिवेदी शो में
मोदी सरकार पर ओबीसी जातियों की सूची बनाने का अधिकार राज्यों को सौंपने वाले विधेयक पास होने के बाद जनगणना में ओबीसी जातियों की गिनती कराने की मांग का दबाव भी बढ़ने लगा है।
पाँच अगस्त 2019 को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और उसे राज्य से केन्द्र शासित प्रदेश में बदलने का ऐलान किया था। अब आज क्या बदल गया है कश्मीर में?
आरएसएस राजनीतिक विरोधियों से गले मिलने की तैयारी कर रहा है ताकि यह भरोसा दिलाया जा सके कि संघ किसी विरोधी विचारधारा के ख़िलाफ़ नहीं है। आरएसएस हाईकमान देश के तमाम राज्यों के ग़ैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों से मुलाक़ात शुरू करेगा।
क्या है आरएसएस के मुसलमानों से नज़दीकी के मायने? देखिये वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की ख़ास बातचीत संघ विचारक दिलीप देवधर और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष से द विजय त्रिवेदी शो में
मनमोहन को तीन बार पीएम क्यों बनाना चाहती थीं सोनिया? मनमोहन सिंह सरकार : मंत्री भी उनकी नहीं सुनते थे? मनमोहन से मोदी: आर्थिक सुधारों से कहाँ पहुँचा देश ? मनमोहन के सलाहकार रहे संजय बारू से वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की खास बातचीत।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों नारा चल रहा है – 2017 में राम लहर और 2022 में परशुराम लहर। कांग्रेस यूपी में ब्राह्मणों को मनाने में लगी है। सपा ने भगवान परशुराम के नाम का सहारा लिया है तो अब बीएसपी ने अपना ब्राह्मण कार्ड खेल दिया है।
राहुल की कांग्रेस में आरएसएस के कौन लोग हैं? कांग्रेस क्या अब टाइटैनिक जहाज़ हो गया है? द विजय त्रिवेदी शो में कांग्रेस की हालत पर चर्चा वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ.
बचपन के यार राहुल से क्यों चिढ़े सिंधिया? 300 साल से सत्ता में कैसे बना है सिंधिया परिवार? हमेशा कांग्रेस में रहने के बावजूद सिंधिया परिवार को कांग्रेस रास क्यों नहीं आई? द विजय त्रिवेदी शो में वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई से उनकी किताब "The House of Scindias- A Saga of Politics, Power and Intrigue’ पर दिलचस्प बातचीत।
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी किताब ‘नीदर ए हॉक नार ए डव’ में लिखा है कि कारगिल जंग के वक्त वाजपेयी ने फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार की भी नवाज़ शरीफ़ से फोन पर बात करवाई थी।
क़रीब चालीस साल से आरएसएस ने राम जन्मभूमि आंदोलन की कमान अपने हाथ में ही रखी है। और अब मंदिर निर्माण और अयोध्या प्रोजेक्ट की ज़िम्मेदारी संघ के सरकार्यवाह रहे भैयाजी जोशी को सौंपी गई है।
यशवंत सिन्हा क्यों कह रहे हैं कि अब लोगों के पास जेल के अलावा विकल्प नहीं है? कांग्रेस को माइनस करने की बात को घातक क्यों बता रहे हैं सिन्हा? और अनु. 370 को लेकर क्या इस सरकार से उम्मीद खो चुके हैं सिन्हा ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी और पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा की बहुत ही दिलचस्प चर्चा।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए को हटाने के क़रीब दो साल बाद केन्द्र सरकार फिर से राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश में है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के लिए गुपकार ग्रुप के नेता तैयार हो गए हैं।
पीएम मोदी का कैबिनेट विस्तार 6 राज्यों में चुनाव को ध्यान में रखते हुए होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में 2022 में चुनाव होंगे, विस्तार में चुनावी राज्यों के प्रतिनिधियों के लिए अधिक स्लॉट आरक्षित किए जा सकते हैं। क्या सब हो सकता है? देखिये द विजय त्रिवेदी शो
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास इस वक्त दो लक्ष्य हैं- पहला साल 2024 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘हैट-ट्रिक’ और दूसरा साल 2025 में संघ का शताब्दी वर्ष मनाना यानी ‘राष्ट्र को परम वैभव’ तक पहुंचाना।