दिल्ली दंगा पीड़ितों के हालात अब कैसे हैं? क्या वे खौफ से उबरे? क्या उनका घाव भर रहा है या कभी भर पाएगा? क्या वे अपने घर लौटे, और नहीं लौटे तो क्या कभी लौट पाएँगे भी या नहीं? क्या बच्चों की पढ़ाई हो पाएगी? क्या वे तबाही के दर्द से उबर पाएँगे? जिनके घर उजड़ गए वे कैसे रह रहे हैं आश्रय स्थलों में? हॉस्पिटलों में कैसी है स्थिति और कैसी मिल रही है मदद? देखिए वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा की ग्राउंड रिपोर्ट। सत्य हिंदी पर।
एनआरसी के बाद नागरिकता क़ानून का भी असम में ज़बरदस्त विरोध है। हिंसक प्रदर्शन के बाद ज़िंदगी पटरी पर तो लौट गई है, लेकिन अब स्थिति क्या है? युवा क्या सोचते हैं? उनमें ग़ुस्सा क्यों भरा है? यह विरोध क्यों है? देखिए असम में युवाओं से बातचीत के आधार पर वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा की ग्राउंड रिपोर्ट।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की प्राथमिकता है पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी और इनोवेशन जैसे क्षेत्र ताकि मुल्क के दरवाज़े विदेशी पर्यटकों और निवेश के लिए खुल सके। क्या यही वह मजबूरी है?