दुनिया के कई देशों में नागरिकों का लोकतंत्र से भरोसा उठ रहा है और वे तानाशाही वाले शासन के पक्ष में खड़े हो रहे हैं! क्या इंदौर (और प्रदेश) को उसी दिशा में ले जाया जा रहा है?
प्रधानमंत्री मोदी के अप्रत्याशित फ़ैसलों के प्रति लोगों के मन में क्या भाव रहता है? आख़िर चौंकाने वाले फ़ैसले क्या सिर्फ़ विपक्ष के लिए ही होते हैं या फिर आम लोगों के लिए भी?
कांस्टेबल चेतन सिंह द्वारा एक्सप्रेस में लोगों को गोलियों से भूनने के क्या मायने हैं? क्या इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी चाहिए? क्या सरकार नागरिकों की असुरक्षा को भूल कर खुद की सुरक्षा में लग गई है?
वाराणसी में सर्व सेवा संघ और गांधी अध्ययन संस्थान को लेकर आख़िर क्या विवाद है? इसकी ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश कौन कर रहा है? जानिए, इसे बचाने का तरीका क्या हो सकता है।
विपक्षी एकता की बैठक होते ही यह सवाल बार-बार क्यों पूछा जा रहा है कि 2024 में पीएम पद का उनका उम्मीदवार कौन है? क्या पूछने वाले मान कर चल रहे हैं कि पीएम मोदी की वापसी नहीं होगी? जानें क्या है बीजेपी की योजना।
15 विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए पटना में हुई बैठक से क्या प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी बिल्कुल भी विचलित नहीं हैं? क्या इन विपक्षी दलों का साथ आना सामान्य राजनीतिक घटना है?
कर्नाटक में राहुल गांधी ने भाजपा के बजरंगबली के नारे को मोहब्बत की दुकान की धर्मनिरपेक्षता से चुनौती दी थी, लेकिन जबलपुर में कांग्रेस भी बजरंगबली के चरणों में हाज़िर हो गई !
विपक्षी एकता को लेकर पटना में 12 जून को विपक्षी दलों की होने वाली बैठक को आगे टाल दिया गया है। लेकिन सवाल है कि क्या यह बैठक इस महीने हो पाएगी? जानें यह महीना बिहार के लिए ख़ास क्यों।
नरेंद्र मोदी ने 9 साल पहले 2014 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। तब उन्होंने देशवासियों को जो सपने दिखाए थे, वे कितने पूरे हुए? क्या वह 9 साल पहले वाले ही मोदी रह गए हैं?
‘द केरल स्टोरी’ और 'अफ़वाह’ दो फिल्में रिलीज हुई हैं। क्या इन फिल्मों से कर्नाटक चुनावों के ज़रिए यह स्थापित होने वाला है कि भाजपा-शासित राज्यों में आगे कौन सी विचारधारा चलने दी जाएगी?
लालू यादव ने बत्तीस साल पहले लालकृष्ण आडवाणी के ‘राम रथ’ को बिहार के समस्तीपुर में रोकने का साहस दिखाया था। क्या नीतीश कुमार विपक्षी एकता से 2024 में मोदी के ‘विजय रथ’ को रोकने की हिम्मत दिखा सकते हैं?
असली डॉ. वैदिक वे नहीं थे जो दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के लाउंज, उसके लंच-डिनर हॉल, सार्वजनिक समारोहों या राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय गोष्ठियों में बोलते नज़र आते थे। जानिए, श्रवण गर्ग उनको कैसे याद करते हैं।
कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में राहुल गांधी के भाषण के मायने क्या हैं? आख़िर राहुल के भाषण के दौरान उनकी मां सोनिया गांधी राहुल की ओर क्यों नहीं देख रही थीं?
देश की नज़रें इस समय कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन पर हैं। क्या इसमें कुछ ठोस होगा? क्या राहुल के गुणगान से ज़्यादा भी कुछ होगा और विपक्षी एकता को लेकर क्या राहुल गांधी कुछ करेंगे?
क्या राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिये कांग्रेस में जान फूंकने में कामयाब हुए हैं और क्या बीजेपी इससे चिंतित है? क्या इससे कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा?
संपूर्ण क्रांति का नारा देने वाले जयप्रकाश नारायण उर्फ जेपी की आज जयंती है। इंदिरा गांधी की हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले जेपी की जयंती पर पढ़िए यह लेख।
हाल में तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानिवेल त्याग राजन ने सवाल किया कि वह आख़िर प्रधानमंत्री की अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी को क्यों सुनें, क्या उन्होंने इसमें विशेषज्ञता हासिल की है या काम कुछ ऐसा किया है? उनका सवाल कितना वाजिब है?
बिहार में नीतीश कुमार के तेजस्वी यादव के साथ आने से बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए क्या मुश्किलें खड़ी हो गई हैं? ऐसे में लाल कृष्ण आडवाणी को कैसे हालात का इंतज़ार होगा?