जिस तरह बीजेपी ‘फु़लफ़ॉर्म’ में है, उसमें यदि कमलनाथ ने बीजेपी के दो विधायकों को तोड़ लिया तो यह सामान्य बात नहीं है। कमलानाथ के इस ‘मास्टर स्ट्रोक’ के पीछे क्या रही रणनीति?
मध्य प्रदेश में बीजेपी पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर दी। बीजेपी के दो विधायकों को तोड़कर लिया। बीजेपी के पाँच विधायक संपर्क में होने का दावा भी कांग्रेस खेमे ने किया है।
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘गुडबुक’ से लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष और इंदौर की आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन ‘ताई’ पूरी तरह से बाहर हो गई हैं? क्या वह गवर्नर पद की हक़दार थीं?
घोटाले के कारण चर्चा में रहे व्यापमं को कमलनाथ सरकार ‘बंद’ करने जा रही है। इसकी जगह राज्य कर्मचारी आयोग बनाने की तैयारी है। तो क्या व्यापमं बंद कर नये आयोग बनाने भर से भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा?
सिंधिया समर्थक मंत्री बुधवार को कैबिनेट की बैठक में सीधे कमलनाथ से ही ‘भिड़’ गये। हालात ऐसे बने कि दूसरे मंत्रियों को कमलनाथ के ‘बचाव’ में आगे आना पड़ा और जमकर हुज्ज़तबाज़ी हुई।
कमलनाथ सरकार ने गाय को बचाने के लिए हाल ही में कई ताबड़तोड़ फ़ैसले लिए हैं। इन फ़ैसलों में मध्य प्रदेश में 300 स्मार्ट गो शालाएँ खोलने का निर्णय भी शामिल है।
नर्मदा के जल को लेकर मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार एक बार फिर आमने-सामने है। नर्मदा से अतिरिक्त जल देने की गुजरात की माँग को मध्य प्रदेश ने सिरे से ठुकरा दिया है।
लोकसभा चुनाव 2019 में अपने गढ़ गुना, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र और मध्य प्रदेश के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी ‘सुपर फ्लॉप’ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्या कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया जाएगा?
लोकसभा के चुनाव 40 साल से सतत रूप से जीत रहे कमलनाथ ने पहली बार विधायक पद की शपथ ली है। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से पहली बार 1979 में सांसद निर्वाचित हुए थे।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और हमीरपुर के बाद अब रविवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लड़की के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया है। नौ साल की एक लड़की की क्षत-विक्षत लाश मिली है। उसके साथ रेप भी हुआ है।
मालेगाँव बम धमाका कांड की अभियुक्त और बीजेपी सांसद ने भोपाल के शहर काज़ी से मुलाक़ात की और उन्हें ईद की बधाई दीं। इसका क्या मतलब है, लोग यह पूछ रहे हैं।
विधानसभा में महज दो सीटों से स्पष्ट बहुमत पाने से चूकी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को बीजेपी के एक विधायक ने ‘सेफ़’ कर दिया है। बीजेपी विधायक के ‘कदम’ ने कमलनाथ सरकार को ज़बरदस्त राहत दी है।
मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल में पारित होने के बाद इस मसले पर ‘रार’ तेज़ होने के आसार हैं।
छह महीने पहले राज्य विधानसभा के चुनावों में मध्य प्रदेश में सरकार बनाने वाली कांग्रेस की नैया देशव्यापी ‘मोदी लहर’ और ‘मोदी सुनामी’ के बीच हुए लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से डूब गई।
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मध्य प्रदेश में 2 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन इस बार वह सिर्फ़ 1 सीट ही जीत पाई। दिग्विजय और सिंधिया भी बुरी तरह चुनाव हार गए।