पूर्व केंद्रीय मंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया क्या अपनी ही पार्टी को ‘ब्लैकमेल’ कर रहे हैं? यह सवाल उठने की वजह है ट्विटर पर उनका बदला हुआ स्टेटस।
सुभाष चंद्र बोस की प्रपौत्री राज्यश्री ने नाथूराम गोडसे की तसवीर की न केवल आरती उतारी, बल्कि गाँधी जी की मौत के लिए जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहरा डाला।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के बर्थडे पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के एक विज्ञापन को लेकर हुए जोरदार विवाद और जबरदस्त किरकिरी के बाद पीसीसी ने यू-टर्न ले लिया है।
मध्य प्रदेश में एक सहायक आबकारी आयुक्त 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा का आसामी निकला। छापेमारी में मिली अकूत काली कमाई देखकर छापामार दस्ते वाले हैरान रह गये।
क्या कभी ऐसा हो सकता है कि नेता तो कांग्रेस का हो और बीजेपी स्वागत के पोस्टर लगवाए? कमलनाथ सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के मामले में ऐसा ही दिखा है।
हनी ट्रैप गैंग से बरामद अश्लील वीडियो के जखीरे में मध्य प्रदेश के एक पूर्व सांसद के 30 वीडियो मिले हैं। इससे परेशान होकर सांसद ने ख़ुदकुशी की कोशिश तक की थी।
कमलनाथ सरकार को क्या स्थानीय निकायों को लेकर राजीव गाँधी के सपने की फ़िक्र नहीं है? इसने यह फ़ैसला क्यों लिया कि महापौर और नगर निगम अध्यक्ष को जनता सीधे अपने वोट के ज़रिए नहीं चुनेगी?
महाराष्ट्र कांग्रेस के एक बड़े नेता ने इंदौर पहुंचकर हनी ट्रैप के आरोप में सीखचों के पीछे क़ैद पूरे गोरखधंधे की मास्टर माइंड युवती से मुलाक़ात करने की कोशिश की है।
भोपाल में लोग डूब रहे थे और बचाव के लिए गई नावें वीडियो बनवाने में लगी रहीं। गोताखोरों को मीडिया के लिए अच्छी फ़ुटेज देने के काम में लगा दिया गया। क्या मर गई इंसानियत?
सरदार सरोवर बांध को लेकर गुजरात की ‘हठ’ ने मध्य प्रदेश के 30 हज़ार परिवारों के लोगों की जान को संकट में डाल दिया है। गुजरात सरकार बांध को लबालब भरने पर आमादा है। मध्य प्रदेश के 70 से ज़्यादा गाँव जलमग्न हैं।
मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अल्टीमेटम के बावजूद पार्टी को ‘संकट’ में डालने वाले बयानों से बाज़ नहीं आ रही हैं।
चुनाव से पहले दोषियों को सज़ा दिलाने की बात कहने वाले कमलनाथ की सरकार क्या कर रही है? मध्य प्रदेश व्यापमं महाघोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी हाल ही में कोर्ट से ‘क्लीन चिट’ मिल गई है।
मध्य प्रदेश में बीजेपी विधायकों पर राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा का ‘भय’ भी ‘बेअसर’ रहा है। पार्टी की बैठक में कई विधायक नहीं पहुँचे। कमलनाथ एंड कंपनी ने कहीं ‘सर्जिकल स्ट्राइक पार्ट टू’ के लिए ‘स्क्रिप्ट’ तो तैयार नहीं कर ली है?
शाहबानो की रूह उसी तरह से छटपटा रही होगी, जैसी कि जीवित रहते 1985 में सुप्रीम कोर्ट से केस जीत लेने के बाद संसद द्वारा कोर्ट का फ़ैसला पलट दिये जाने से उसके मन पर बीतती रही थी!