रीवा के चाकघाट में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर पिछले दो-तीन दिनों से यहाँ फँसे हज़ारों भूखे-प्यासे मज़दूरों और उनके परिजन रविवार को एमपी और यूपी पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर उत्तर प्रदेश की सीमा में घुस गये।
लाॅकडाउन के बीच मध्य प्रदेश के सागर जिले में जैन समाज के धार्मिक कार्यक्रम में लोग उमड़ पड़े। इस मामले में 5 नामजद और लगभग 150 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है।
मध्य प्रदेश में आठ श्रमिकों की मौत की ख़बर आई है। मारे गये सभी आठ लोग यूपी के रहने वाले थे। इसमें से पाँच की तो ट्रक पलट जाने से मौत हो गई, जबकि तीन लोगों की पैदल चलते-चलते मौत हो गई।
शराब की दुकानों और ठेकों पर टूट रही लोगों की भीड़ ने कोरोना संक्रमण के ख़तरे को बढ़ा दिया है। मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले की युवा महिला कलेक्टर ने साहस दिखाते हुए ज़िले में शराब बेचने से इनकार कर दिया है।
कोरोना हाॅटस्पाॅट इंदौर में एक सांसद के लिए ‘प्रोटोकाॅल’ को ताक पर रखे जाने का मामला क्यों आ रहा है? और क्यों विधायक बड़ी संख्या में लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं?
विश्वव्यापी महामारी कोरोना संक्रमण और लाॅकडाउन की वजह से मध्य प्रदेश की देवास बैंक नोट प्रेस में पिछले क़रीब छह सप्ताह से नोटों की प्रिंटिंग का काम ठप है।
मध्य प्रदेश के गुना ज़िले में लौटे मज़दूर परिवार को कोरोना के भय से गाँव में घुसने नहीं दिया गया। चिलचिलाती धूप में गाँव के बाहर बने स्कूल के शौचालय में पूरा परिवार ‘क्वॉरंटीन’ हुआ। शौचालय में ही इन्होंने भोजन पकाया और खाया।
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल महाघोटाले की जाँच एक बार फिर पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चली गई है। महाघोटाले की जाँच करने वाले एसटीएफ़ अफ़सरों और अमले को शिवराज सरकार ने कोरोना ड्यूटी में लगा दिया है।
लॉकडाउन में भले ही पुलिस को ज़्यादा सख़्ती के लिए कई जगहों पर भला-बुरा कहा जा रहा हो, लेकिन वही पुलिस ख़ुशियाँ भी बाँट रही है और चेहरे पर मुस्कान भी ला रही है।
शिवराज सिंह चौहान ने अपनी कैबिनेट में सिंधिया खेमे के दो पूर्व विधायकों को भी मंत्री बनाया है। जबकि यही शिवराज ‘माफ करो महाराज’ को लेकर सिंधिया पर ख़ूब तंज कसते थे।
कोरोना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट् इंदौर में एक अज्ञात कार में बैठे लोग 100, 200 और 500 रुपये के दो दर्जन नोट उड़ाकर फरार हो गये। कार में कितने लोग सवार थे, इसका पता नहीं चल पाया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से मध्य प्रदेश के सबसे समृद्ध माने जाने वाले इंदौर शहर से एक ‘भयावह तसवीर’ मंगलवार को सामने आयी। कोरोना संदिग्ध एक वृद्ध की कथित रूप से वक़्त पर समुचित उपचार और एम्बुलेंस नहीं मिल पाने के कारण मौत हो गई।
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मौत होने पर मृतक के शव को छूने-चूमने और नहलाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। सरकार ने शवों को जलाने और दफनाने को लेकर एक पूरी गाइडलाइन जारी कर दी है।
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य महकमे के आला अफ़सरों ने क्या तब्लीग़ी मरकज़ के मुखिया मौलाना साद की तरह ‘बर्ताव’ नहीं किया है? क्या अफ़सरों ने विदेश यात्रा की जानकारी छुपाई और लापरवाही बरती?
क़रीब पचास किलोमीटर का सफर पैदल तय कर पति के साथ इंदौर से अपने मायके उज्जैन पहुँची एक बेटी को माँ ने इस कारण घर में नहीं घुसने दिया कि, ‘तुम्हें घर में एंट्री दी तो हम भी मुसीबत में आ जायेंगे।’