कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद त्यौहार मनाने पर अड़ गये हैं। उन्होंने आज शाम तक लॉकडाउन का निर्णय वापस नहीं होने पर आंदोलन का एलान कर अपनी ही पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है।
सरकार और मुख्यमंत्री का सिरदर्द बढ़ाने वाली एक नयी ‘वारदात’ प्रदेश में हुई है। बेखौफ चोरों ने मुख्यमंत्री शिवराज के वेयर हाउस को निशाना बनाते हुए हाथ साफ़ कर डाला है।
मध्य प्रदेश के गुना शहर में पुलिस द्वारा एक दलित किसान परिवार की बर्बर पिटाई और किसान दंपत्ति द्वारा कीटनाशक पी लेने की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने गुना के एसपी और कलेक्टर को हटा दिया।
गुना शहर के पीजी काॅलेज से लगी सरकारी जमीन पर राजकुमार अहिरवार नामक दलित शख्स लंबे अर्से से खेती कर रहा था। लेकिन सरकारी अमले ने उसकी फसल पर बुलडोज़र चला दिया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंततः अपने काबीना सहयोगियों को विभाग बाँट दिये। विभागों के वितरण में उन्हें दस दिन लगे। अधिकांश भारी-भरकम और ‘मलाईदार’ विभाग ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों को देने पड़े।
उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के उज्जैन में पकड़े जाने और एनकाउंटर तक को लेकर बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने भी विकास के मध्य प्रदेश में प्रवेश से लेकर पहचान तक को लेकर सवाल दागे हैं।
विकास दुबे पिछले सप्ताह तब देश और दुनिया भर में मीडिया की सुर्खी बना था जब कानपुर में उसे पकड़ने गए पुलिस दल पर उसने और उसके साथी बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थीं।
केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कैबिनेट के विस्तार को लेकर विरोध जताया है। उन्होंने दो टूक कहा है कि कैबिनेट के विस्तार में जातीय संतुलन की अनदेखी हुई है।
शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार आज होगा। कैबिनेट के विस्तार में आ ही रही दिक्कतों का समाधान ढूंढ लिया गया है। क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया की माँगें पूरी हुईं?
जल्द ही शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना है। कैबिनेट के विस्तार में तो दिक्कतें आ ही रही हैं कैबिनेट पोर्टफ़ोलियो बँटवारा विवाद भी बनने की संभावना है।
कैलाश विजयर्गीय बंगला विवाद को लेकर चर्चा में हैं। मंत्री रहने के दौरान आवंटित हुए बंगले को उन्होंने अपनी पत्नी के नाम कर दिया और किराया भी नहीं दिया है।
बीजेपी विधायक ओमप्रकाश सखलेचा और उनकी पत्नी संगीता सखलेचा के कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने से हड़कंप मच गया है क्योंक वह राज्यसभा चुनाव में वोट डालने गए थे।
मध्य प्रदेश में सरकार में रहने तक कमलनाथ और कांग्रेस के झंडे तले खड़े बसपा के दो, सपा के एक और दो निर्दलीय विधायकों ने अब अपने हाथों में ‘कमल’ को थाम लिया है। इसके साथ ही बीजेपी की राज्यसभा के लिए दो सीटें पक्की हो गई हैं।