महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक साल से आत्महत्याओं पर बहस का दौर शुरू है। सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से लेकर मनसुख हिरेन की मौत तक एक पहेली ही बनी हुई है।
प्याज और सब्जी के आकाश छूते दाम, नए साल में 16 बार पेट्रोल - डीज़ल के भाव बढ़ गए, लेकिन इसकी चर्चा न संसद में है न ही अपने आप को मुख्यधारा का कहने वाले तथाकथित मीडिया के स्टूडियो में।
बीएचआर मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी संस्था में हुई कथित अनियमितताओं को लेकर गिरीश महाजन के क़रीबी व्यवसायी सुनील झंवर के जलगाँव स्थित ठिकानों पर छापेमारी क्यों की गई है?
अन्वय नाइक की आत्महत्या के मामले में अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से भले ही जमानत मिल गयी हो लेकिन उनके रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव में जीत का जश्न बीजेपी ने क़रीब-क़रीब उसी अंदाज में मनाया जिस तरह से लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी सरकार को मिली दूसरी सफलता के समय मनाया गया था।
रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आज अर्णब की तरफ़ से उनके वकील मुंबई हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर करेंगे।
शिव सेना ने कहा कि बीजेपी के नेता और मंत्री गिरफ्तारी पर बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन इस बात को कोई नहीं बता रहा कि अर्णब पर एक महिला का सुहाग उजाड़ने का आरोप है।
मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने मुंबई के अँधेरी स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में कंगना रनौत के ख़िलाफ़ आपराधिक शिकायत दी है और मानहानि का मुक़दमा किया है।
कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। इन दोनों के ख़िलाफ़ साम्प्रदायिक विद्वेष और सम्प्रदाय विशेष की भावनाओं को आहत करने के मामले की जाँच का आदेश दिया है।
क्या एकनाथ खडसे के पार्टी छोड़ने के बाद पंकजा मुंडे भी अपनी नयी राह चुनने की रणनीति बना रही हैं? या वह भारतीय जनता पार्टी में रहकर ही अपने कद को मज़बूत करने की क़वायद में जुट गयी हैं?
कोरोना काल में इस बार दादर स्थित शिवाजी मैदान में शिवसेना की परंपरागत दशहरा रैली तो नहीं हुई लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भाषण हुआ। उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
कोरोना के कारण महाराष्ट्र का औद्योगिक चक्र थमा तो पूरा आर्थिक ढांचा ही लड़खड़ा गया ऐसे में कृषि को लेकर जो कुछ उम्मीद जगी थी वह भी अतिवृष्टि से धराशाही हो गयी।
राज्यपाल की भाषा को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार ने भी एतराज जताया है। पवार ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकायती पत्र लिखा और उसे ट्विटर पर साझा भी किया है।
बॉलीवुड में नशे का जाल तलाश रहा मीडिया खुद ऐसे जाल में फंसता जा रहा है, जिसके बल पर कुछ चैनल अपने आपको नंबर वन होने और सबसे ज्यादा देखे जाने का दावा करते हैं।
मराठा आरक्षण महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी के लिए अग्नि परीक्षा जैसा साबित होता जा रहा है। सरकार नौकरी, भर्तियाँ या परीक्षाएँ टाले जा रही है लेकिन इससे दूसरे वर्ग के लोगों में ग़ुस्सा बढ़ रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना पर नियंत्रण के लिए मुंबई महानगरपालिका के प्रयासों को सराहा। इस सफलता की कहानी के पीछे सिर्फ सरकारी तंत्र ही नहीं, सामाजिक और धार्मिक संस्थानों से जुड़े लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है
खबरिया चैनलों के स्टूडियो में अदालतों का सजना और जांच एजेंसियों के आधिकारिक बयान आने से पहले अपने एजेंडे के मुताबिक़ बहुत कुछ फर्जी खबरें परोसना बदस्तूर जारी है।