नीतीश ने संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष क्यों बनाया? क्या वे बीजेपी से और क़रीबी रिश्ता बनाना चाहते हैं? क्या वे फिर से पलटने की तैयारी कर रहे हैं? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संजय कुमार झा को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के क्या मायने हैं? क्या नीतीश कुमार सॉफ़्ट हिंदुत्व की राह पर चल पड़े हैं?
नीतीश ने अपने सांसद के आपत्तिजनक बयान पर चुप्पी क्यों साध रखी है? क्या उनकी पार्टी ऐसे पक्षपाती नेता के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करेगी? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
लोकसभा चुनाव के लिए दो सौ से अधिक जनसभाएं करने वाले तेजस्वी यादव अपनी कोशिशें के अनुरूप राजद और इंडिया गठबंधन को कामयाबी नहीं दिला सके हालांकि एनडीए को बिहार में नौ सीटों का घाटा ज़रूर हुआ।
तेजस्वी मोदी के हर आक्रमण का करारा जवाब देकर क्या हासिल कर रहे हैं? क्या उनका साहस मतदाताओं को लुभा रहा है? क्या उनका ये रुख़ मोदी पर भारी पड़ रहा है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
निर्मला सीतारमण ने बीच चुनाव में नीतीश कुमार की पुरानी माँग क्यों ठुकराई? नीतीश कुमार बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग करते रहे हैं फिर वे चुप क्यों हैं? क्या चुनाव पर इसका कोई असर पड़ेगा? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में बिहार में आठ सीटों पर 25 मई को होने वाले मतदान में किसका पलड़ा भारी है? क्या एनडीए पिछले चुनाव का प्रदर्शन दोहरा पाएगा या फिर इंडिया गठबंधन बाजी मार लेगा?
क्या चिराग़ पासवान अपने पिता की परंपरागत सीट से जीत पाएंगे? आरजेडी से उन्हें कैसी चुनौती मिल रही है? हाजीपुर के जातीय समीकरण क्या कहते हैं? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
क्या रोहिणी आचार्य अपने पिता का करिश्मा दोहरा पाएंगी? पिछली दो बार से जीत रहे राजीव प्रताप रूड़ी के सामने कैसी चुनौती है? सारण सीट पर सामाजिक-जातीय समीकरणों में कौन भारी है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
बिहार में पाँचवें चरण में होने वाले मतदान में आख़िर किनका पलड़ा भारी रहेगा? जानिए, इस चरण में चिराग पासवान और रोहिणी आचार्य के साथ ही किनकी किस्मत दाँव पर।
मुस्लिमों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर नफ़रत फैलाने के लिए कभी जेल गए मनीष कश्यप को बीजेपी ने अपनी पार्टी में क्यों शामिल कराया? इससे नीतीश कुमार को फायदा होगा या नुक़सान?
मोदी के झूठ और हेट स्पीच पर नीतीश को सांप क्यों सूंघ गया है? उनकी ये चुप्पी NDA और जेडीयू के प्रदर्शन पर कितनी भारी पड़ेगी? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट
अब नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों को ‘ज़्यादा बच्चा पैदा करने वाले’ कहा है, उसके बारे में नीतीश कुमार की क्या राय होगी? क्या मुसलमान अपने बारे में ऐसे जहरीले बयान सुनकर भी नीतीश कुमार के कहने पर एनडीए को वोट देंगे?
नीतीश कुमार को क्यों लग रहा है कि इस बार मुस्लिम मतदाता उन्हें वोट नहीं देंगे? वे क्यों 2005 के पहले के शासन की याद दिला रहे हैं? क्या उनका बीजेपीपरस्त रवैया उनके लिए मुसीबत बन गया है? वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की रिपोर्ट-
इस बार जब नीतीश कुमार ने एक बार फिर बीजेपी से हाथ मिलाकर मुख्यमंत्री बनना स्वीकार किया तो कई लोगों का कहना है कि वह 2005 के जैसे मुख्यमंत्री नहीं रहे। तो क्या मुस्लिमों में इसको लेकर हिचकिचाहट है?
चुनाव के पहले चरण में एनडीए की चार की चारों सीटें दाँव पर हैं मगर क्या वह इन्हें बचा पाएगी? महागठबंधन की चुनौती कितनी मज़बूत है? क्या वह इनमें से कुछ सीटें छीन सकता है?
प्रधानमंत्री मोदी जिस 'परिवारवाद' को मुद्दा बनाते रहे हैं, क्या वह बिहार में मुद्दा बना पाएँगे? क्या ऐसा करने में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को ही नुक़सान हो जाएगा?
इस समय पूरे मीडिया जगत में यही सवाल तैर रहा है कि क्या नीतीश कुमार पलटी मारकर एक बार फिर एनडीए में जाएंगे लेकिन कोई यह सवाल नहीं कर रहा कि नीतीश कुमार के लिए अपना दरवाजा बंद करने की घोषणा करने वाली भारतीय जनता पार्टी पलटी मारेगी?
नीतीश कुमार के बारे में अब उनसे ज्यादा खबर देश का राष्ट्रीय मीडिया रखने लगा है। रोजाना उनके पलटने की खबरें सुर्खियां बन रही हैं। लेकिन सच क्या है, क्या भाजपा का इसके पीछे अपना कोई एजेंडा है। इस सवाल का जवाब अब आना चाहिए। बिहार-झारखंड के वरिष्ठ पत्रकार समी अहमद की पड़तालः
बिहार में छुट्टियों का दो कैलेंडर जारी किया गया है। पहले वाले जिस कैलेंडर में हिंदू त्योहारों पर छुट्टियाँ कम करने व मुस्लिमों के बढ़ाने के आरोप लग रहे थे, वह उर्दू स्कूलों के लिए है। तो आख़िर इस कैलेंडर के नाम पर नफ़रत किसने फैलाई?
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से कहा कि अगर वे जाति गणना के समर्थक हैं तो भाजपा शासित प्रदेशों में भी जातीय गणना कराएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना करने की मांग करें।
विपक्षी एकता के सूत्रधार नीतीश कुमार के यूपी से चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ के प्रभाव को घटाने के लिए यह प्रयोग किया जा सकता है। इस खबर में कितनी सच्चाई है, पत्रकार समी अहमद का विश्लेषणः