नरेंद्र मोदी के नए लुक का रहस्य क्या है? इसके राजनीतिक मायने क्या हैं? ज्यादातर लोगों का मानना है कि नरेंद्र मोदी का नया लुक बंगाल चुनाव के मद्देनज़र है। बंगाल में सियासी फायदे के लिए नरेंद्र मोदी गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के वेश में दिख रहे हैं।
गणतंत्र दिवस पर किसानों की परेड में एक गुट द्वारा हिंसा की गई। समूचे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की रिपोर्टिंग आईटीओ, बादली और नांगलोई में होने वाली छिटपुट हिंसा पर ही केंद्रित थी, जबकि 95 फ़ीसदी ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्वक रही।
किसान आंदोलन से संघ के एजेंडे को बहुत ज़्यादा नुक़सान होने वाला है। संघ हिंदुत्व के एजेंडे को जल्दी से जल्दी पूरा करने की जुगत में है। क्या इस कारण मोदी और संघ में मतभेद है?
क्या कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुँचाने के लिए मोदी देश के करोड़ों किसानों की बात नहीं मान रहे हैं? क्या मोदी लाखों किसानों की मौजूदगी को किसानों की समग्र आवाज नहीं मानते? तब क्या पूरे भारत के किसानों को दिल्ली आना पड़ेगा?
क्या बंगाल में मोदी को मोदी बनकर जाने में डर लग रहा है। क्या यह ममता बनर्जी की मनोवैज्ञानिक जीत है कि मोदी अपने ब्रांड के बूते बंगाल के चुनावी समर में जाने से हिचक रहे हैं?
बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में समान तलाक़ संहिता के लिए एक याचिका दायर की है। लेकिन समान नागरिक संहिता पर सरकार की तरफ़ से अभी तक कोई विशेष पहल नहीं हुई है।
भीमा कोरेगांव का विजय स्मारक आज दलित स्वाभिमान और शौर्य का प्रतीक है। प्रतिवर्ष 1 जनवरी को पूरे देश से दलित यहां पहुंचकर पेशवा के ख़िलाफ़ महारों की वीरता और शौर्य का जश्न मनाते हैं।
सरदार वल्लभभाई पटेल की आज पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 'किसान नेता' सरदार पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति नर्मदा के तट पर स्थापित कराई। लेकिन वह आज किसानों की बात क्यों नहीं सुनते?
किसान आंदोलन के कारण सोनिया गाँधी ने अपना जन्मदिन मनाने से इनकार कर दिया था। उस दिन सोनिया गाँधी को ट्विटर पर टारगेट किया गया। पूरे दिन ट्विटर पर 'बार डाँसर' ट्रेंड करता रहा।
अगले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव बहुत दिलचस्प होने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से भगवा फहराने की तैयारी में बीजेपी क्या बंगाल में कमल खिला सकेगी? यह बहुत मौजूँ सवाल है।
बाबा साहब आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर उनके जीवन संघर्ष और समता-न्याय पर आधारित उनकी उदार लोकतंत्र की अवधारणा से सीखने की ज़रूरत है। वह हिन्दू धर्म की वर्ण व्यवस्था और हिन्दुत्व की वैचारिकी से जीवन भर जूझते रहे।
उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 को नवंबर के आख़िरी सप्ताह में राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। लेकिन धर्मांतरण विरोधी इस क़ानून में लव जिहाद शब्द का प्रयोग भी नहीं हुआ है।
क्या है मायावती की बदली हुई राजनीति? लंबे समय तक लगभग अज्ञातवास में रहने के बाद मायावती इधर फिर सक्रिय हुई हैं। सक्रिय होने से मुराद, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से है।
संविधान और लोकतंत्र पर सत्तापक्ष और हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा जितना ही खुलकर हमला हो रहा है उतना ही डॉ. आंबेडकर और उनकी वैचारिकता की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है।
समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव का आज जन्मदिन है। पढ़िए छात्र राजनीति से राजनीति की शुरुआत करने वाले मुलायम सिंह का कैसा रहा है राजनीतिक जीवन...
लव जिहाद बीजेपी और हिंदुत्ववादी संगठनों का नया प्रोपेगेंडा है। लव जिहाद हिन्दुत्व एजेंडे को आगे बढ़ाने का नया पैंतरा है। इसीलिए योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के कई नेता इसको आगे बढ़ा रहे हैं।
बिहार में सांप्रदायिकता के बरक्स रोज़गार और विकास का काउंटर नैरेटिव खड़ा किया गया। तेजस्वी ने बीजेपी और नीतीश को अपने एजेंडे पर आने के लिए मजबूर किया। चुनाव के नतीजे कुछ भी रहे हों क्या आगे की राजनीति बदलेगी?