दुनिया के सात अमीर देशों के संगठन जी-7 की शिखर बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और रूस को न केवल निमंत्रण दिया है बल्कि इसे जी-11 या जी-12 करने की सम्भावना भी ज़ाहिर की है।
भारत और चीन के बीच मध्यस्थता की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की बुधवार को की गई पेशकश को इसलिये हलके में नहीं लिया जाना चाहिये कि वह नादानी में अक्सर ऐसा बोलते हैं।
चीन ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास बहुत बड़ी तादाद में सैनिकों को तैनात कर सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है। आख़िर इस हठात् आक्रामकता की क्या वजह है?
नेपाल ने कालापानी और कुछ अन्य इलाकों पर अपना दावा ठोक दिया है। भारत ने लंबे समय तक इस मसले को लटकाए रखा और कभी भी इस विवाद को सुलझाने के लिए गम्भीर क़दम नहीं उठाए।
भारत-चीन सीमा पर तनाव बढ़ने की घटनाओं को लेकर मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर रिपोर्टें जारी की जा रही हैं। इससे दोनों देशों के रिश्तों में अनावश्यक तनाव पैदा होता है।
भारत और चीन के सैनिक एक बार फिर एक-दूसरे के सामने आ गए। दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा का विवाद एक बड़ा मुद्दा है और इसे जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए।
कोरोना वायरस सबसे पहले चीनी शहर ऊहान में भले ही पाए गए हों, बहस इस पर छिड़ी हुई है कि यह कहाँ पैदा हुआ, चीन या अमेरिका? दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
मुसलिम दुनिया में अपने साथी देशों को भारत विरोधी बयान देने के लिये उकसाने के बाद पाकिस्तान को अब विश्व रंगमंच पर भारत के ख़िलाफ़ माहौल बनाने का सुनहरा मौक़ा हाथ लग गया है।
डोनल्ड ट्रंप के दौरे के बाद भारत और अमेरिका ने आर्थिक या सामरिक क्षेत्र में किसी नाटकीय समझौते की घोषणा या कोई सहमति का एलान तो नहीं किया लेकिन इससे राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे की अहमियत कम नहीं हो जाती।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम साल में भारत का दौरा करने का फ़ैसला सामरिक या आर्थिक रिश्तों के नज़रिये से अहम माना जा रहा है लेकिन ट्रंप केवल इन्हें प्रगाढ़ बनाने के इरादे से ही भारत आ रहे हैं, यह कहना सटीक नहीं होगा।
क्या रूस-चीन-अमेरिका के परमाणु होड़ में भारत फँस जाएगा? इससे भारत को रणनीतिक स्तर पर फ़ायदा है या नुक़सान? क्या आज के युग में परमाण हथियारों की ज़रूरत है?