दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक समेत देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की कमी से मौत की घटनाएँ अप्रैल-मई में हुईं और पूरी दुनिया इस पर चिंतित हुई। ऑक्सीजन ऑडिट सब कमेटी की लीक हुई कथित अंतरिम रिपोर्ट पप विवाद क्यों?
अगर सिर्फ बची हुई रकम का इस्तेमाल मोदी सरकार कर लेती है तो मुआवजे की जरूरत वाली रकम तकरीबन पूरी हो जाती है। जो रकम खर्च नहीं कर पा रही हो, उसका सदुपयोग अगर मुआवजे में होता है तो इसमें संकोच क्यों?
गौतम अडानी के पास अवसर था कि वह मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर एशिया के सबसे बड़े रईस बन जाते। लेकिन, हुआ यह कि वे झोंग शानशान से भी पीछे होकर तीसरे नंबर पर पहुँच गये।
मोहम्मद अब्दुल समद सैफी की पिटाई के वक्त उनसे सियाराम के नारे लगवाए गये- यह बात पुलिस ने झूठ करार दी। अब इसी ‘झूठ’ को प्रसारित करने वाले ‘गुनहगार’ खोज निकाल गए।
बीजेपी के हिसाब से दिग्विजय सिंह को कहना चाहिए था कि तुम पाकिस्तानी पत्रकार हो, हमारे मामले से तुम्हें क्या मतलब? हुक्मरान अक्सर राष्ट्रवादी आवरण में सवालों से बचते हैं।
एक टांग से बंगाल जीतने के बाद दोनों टांग से दिल्ली फतह करने के मंसूबे को अंजाम देने की तैयारी में जुट चुकी हैं ममता। मुकुल राय की टीएमसी में वापसी किसी कद्दावर नेता की ‘घर वापसी’ भर नहीं है।
आख़िर वैक्सीन उत्पादन का महाबली कोरोना से लड़ाई के दंगल में क्यों फिसड्डी साबित हुआ? मोदी सरकार ने कम से कम 10 ऐसी गंभीर भूलें की हैं जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ा है।
उत्तर प्रदेश में अप्रैल-मई में 46 दिन के भीतर 8,735 लोगों की जानें गई हैं। इनमें 1621 शिक्षक हैं। इसका मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश में बीते डेढ़ महीने में कोरोना से मरने वाला हर पाँचवाँ-छठा व्यक्ति कोई न कोई शिक्षक है। ऐसा क्यों?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना टीके को लेकर दो अहम फ़ैसले किए हैं। एक फ़ैसला है 18 साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को टीका देना। और दूसरा फ़ैसला है मुफ़्त में टीका देना।
राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन संकट के बीच दिल्ली और केंद्र की सरकारें क्या दिल्ली हाई कोर्ट की आंखों में धूल झोंक रही हैं? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अदालत को विश्वास दिलाए जाने के बावजूद ऑक्सीजन का संकट खत्म नहीं हो रहा है।
बीजेपी यह बात मानने को तैयार नहीं है कि कुंभ और चुनाव के आयोजनों की वजह से कोरोना के हालात बिगड़े हैं और बिगड़ रहे हैं। मानना तो दूर, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय इस मान्यता के विरुद्ध आँकड़े रख रहे हैं।
बदली हुई परिस्थिति में सामरिक और कूटनीतिक रणनीति की समझ रखने वाले यह मानकर चल रहे हैं कि चीन का रुख अब मुलायम होने वाला नहीं है और भारत के लिए कोई उपलब्धि हासिल करना टेढ़ी खीर है।
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का मतदान शुरू होने के ठीक आधे घंटे बाद यह ‘पीके बम’ फोड़ दिया गया। ट्विटर पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने यह बम फोड़ा।
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है भारत। दुनिया के देश कम से कम भारत में वैक्सीन की कमी होने की कल्पना नहीं कर सकते थे। सवाल है- ऐसा क्यों? वह भी तब जब मोदी ने इंडिया फर्स्ट का नारा दिया है।
ममता पर धर्म के आधार पर वोट मांगने, नफ़रत फैलाने समेत कई आरोप हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि अगर वे कहेंगे कि ‘हिन्दुओं एक हो जाओ’ तो उनके पास चुनाव आयोग के 8 से 10 नोटिस आ जाएँगे। ममता को चुनाव आयोग का नोटिस तो मोदी को क्यों नहीं?
रजनीकांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के प्रशंसक रहे हैं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का उन्होंने समर्थन किया था और मोदी सरकार को इस बात के लिए बधाई भी दी थी।
ममता बनर्जी ने जैसे ही खुद को ‘शांडिल्य’ गोत्र का बताते हुए अपना असली गोत्र मां, माटी, मानुष बताया, चुनावी फिजां की तपिश अचानक तेज हो गयी। गोत्र, जाति, धर्म की राजनीति करने वाले बेचैन हैं कि ममता बनर्जी क्या उनकी राह पकड़ रही हैं?
आख़िरकार मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को जाना पड़ा। बात सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अम्बानी की थी। मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर 25 फ़रवरी को विस्फोटक लदे स्कॉर्पियो को खड़ा कर जाने की घटना कोई छोटी-मोटी घटना नहीं थी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरी बार चुनावी मंच से चंडीपाठ किया है। बीजेपी की ओर से लगातार चुनावी रैलियों में ‘जय श्री राम’ के धार्मिक उद्घोष का राजनीतिक नारे के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है।